पहाड़ी राज्य हिमाचल को प्राकृतिक आपदा प्रभावित राज्य घोषित किया गया है। इस संबंध में राज्य सरकार ने शुक्रवार को अधिसूचना भी जारी कर दी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हमने हिमाचल को प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित किया है। अब केंद्र सरकार की बारी है कि वह हिमाचल को राष्ट्रीय आपदा प्रभावित राज्य घोषित कर शीघ्र वित्तीय सहायता प्रदान करे।
जन-जीवन की भारी क्षति
वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि किसी राज्य या राष्ट्रीय आपदा प्रभावित राज्य घोषित करने का कोई कानूनी मतलब नहीं है. लेकिन, सीएम का यह कदम केंद्र पर राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का दबाव बना सकता है. मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। राज्य में पेयजल, बिजली आपूर्ति व्यवस्था और सड़कों समेत अन्य संसाधनों को भी भारी नुकसान हुआ है. राज्य में अब तक 12 हजार से ज्यादा घर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं.
10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान
मानसून संबंधी और अन्य दुर्घटनाओं में 330 लोगों की जान जा चुकी है. राज्य में 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के नुकसान का अनुमान लगाया गया है. राज्य में कृषि और बागवानी को भी भारी नुकसान हुआ है। संचार व्यवस्था पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है. जनजीवन अस्त-व्यस्त है और व्यावसायिक गतिविधियां भी इस आपदा से अछूती नहीं हैं। कई इलाकों में लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी.
आर्थिक सहायता की गुहार
खतरे को देखते हुए कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. राज्य सरकार राहत, बचाव और पुनर्वास के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही है. आपदा प्रभावितों को हर संभव मदद सुनिश्चित की जा रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार से आपदा की इस घड़ी में राज्य को पूरे दिल से सहायता प्रदान करने का आग्रह किया, ताकि राज्य में सामान्य स्थिति वापस लाने से संबंधित गतिविधियों में तेजी लाई जा सके.