कतर में 26 अक्टूबर को 8 भारतीय नागरिकों को हुई थी फांसी, विदेश मंत्रालय के एक्शन के बाद सभी रिहा

    लगभग दो साल से कतर (Qatar) की जेल में बंद भारतीय नौसेना से जुड़े 8 पूर्व अधिकारियों को रिहा कर दिया गया है, विदेश मंत्रालय ने 12 फरवरी की सुबह को खुशखबरी देते हुए बयान जारी किया

    कतर में 26 अक्टूबर को 8 भारतीय नागरिकों को हुई थी फांसी, विदेश मंत्रालय के एक्शन के बाद सभी रिहा

    लगभग दो साल से कतर (Qatar) की जेल में बंद भारतीय नौसेना से जुड़े 8 पूर्व अधिकारियों को रिहा कर दिया गया है (8 Navy Veterans Released). उन सभी को जासूसी (Espionage) के आरोप में पकड़ा गया था. विदेश मंत्रालय ने 12 फरवरी की सुबह को खुशखबरी देते हुए बयान जारी किया. सभी आठ पूर्व भारतीय नौसेना अफसरों में से सात कतर से भारत लौट भी आए हैं.

    डहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज एक प्राइवेट कंपनी है, जो कतरी सेना के जवानों को ट्रेनिंग और इससे जुड़ी मदद प्रदान करती है. जिन आठ पूर्व अफसरों को पकड़ा गया था उनमें रिटायर्ड कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और नाविक रागेश शामिल थे.

    कतर से भारत लौटे एक पूर्व अफसर ने कहा

    हमने भारत वापस आने के लिए लगभग 18 महीने तक इंतजार किया. हम PM मोदी के बेहद आभारी हैं. ये उनके व्यक्तिगत हस्तक्षेप और कतर के साथ उनके समीकरण के बगैर संभव नहीं होता. हम भारत सरकार द्वारा की गई हर कोशिश के लिए तहे दिल से आभारी हैं. 

    Qatar में क्या हुआ था?

    कतर की इंटेलिजेंस एजेंसी ‘स्टेट सिक्योरिटी ब्यूरो’ ने आठों पूर्व अधिकारियों को जासूसी के आरोप में 30 अगस्त, 2022 को गिरफ्तार किया था. आरोप क्या थे, ये बात कतर ने सार्वजनिक नहीं की. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि उन पर कतर के सबमरीन प्रोग्राम की गोपनीय जानकारी इजरायल के साथ साझा करने का आरोप लगा है. इसके बाद कतर की अदालत ने 26 अक्टूबर को अधिकारियों को फांसी की सजा सुनाई थी.