एक ऐसा त्योहार जिसमें लड़का-लड़की भागकर करते हैं शादी, पसंद की लड़की को लगाते हैं रंग

    मध्य प्रदेश के तीन आदिवासी जिलों अलीराजपुर, झाबुआ और शहडोल में भगोरिया पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. यह पर्व होली से सात दिन पहले मनाया जाता है. भगोरिया हाट भील जनजाति का त्योहार है.

    हमारे देश में ऐसे कई रिवाज हैं. जिनके बारे में हमें पता भी नहीं होता. लेकिन आज हम आपको ऐसे त्योहार के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे जानकर आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में भगोरिया पर्व मनाया जाता है. इस त्योहार में लड़का अपनी पसंद की लड़की को रंग लगाता है. इसके बाद लड़की लड़के के चेहरे पर गुलाल लगाती है. या लड़के का पान स्वीकार करती है.अगर दोनों में तालमेल बना रहता है तो दोनों घर से भाग कर शादी कर लेते हैं.इसके बाद लड़का-लड़की कभी-कभी अपने रिश्तेदार के घर जाते हैं.

    होली के 7 दिन पहले मनाया जाता है भगोरिया पर्व 

    अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है. तोआपको बता दें कि मध्य प्रदेश के तीन आदिवासी जिलों अलीराजपुर, झाबुआ और शहडोल में भगोरिया पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. यह पर्व होली से सात दिन पहले मनाया जाता है. भगोरिया हाट भील जनजाति का त्योहार है.


    जानकारी के अनुसार ,भागोरिया नाम की उत्पत्ति भाग जाने से हुई है. यानी किसी का भगना. ऐसा कहा जाता है कि इस उत्सव में भाग लेने वाले पहले युगल भाव और गौरी थे. वे कोई और नहीं बल्कि भगवान शिव और पार्वती थे. इसलिए इस पर्व का नाम भगोरिया रखा गया है.

    स्थानीय लोगों का क्या कहना हैं?

    इस उत्सव के बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि राजा भगोरे ने इस क्षेत्र पर विजय प्राप्त की और उन्होंने अपनी सेना को हाट में अपनी पसंद की लड़की के साथ भागने दिया. तब से यह परंपरा हर साल किसी न किसी रूप में निभाई जाती है.