'दो बर्फियां खाई, खुद को बताया अतिथि', भूखे चोर ने चोरी के बाद लिखी दिल की बातें, लेटर पढ़ आप भी कह पड़ेगे-'Aww...'

    राजस्थान के जैसलमेर से एक मामला सामने आया है जिसमें चोर ने सिर्फ 2 पीस सफ़ेद बर्फी और 2 पीस आगरा का पेठा चुराया और दुकानदार के लिए 2 पेज का लेटर लिख के रफूचक्कर हो गया.

    Thief Write Letter After Robbery: अक्सर आपने कई तरह के चोरी के किस्से पढ़े होंगे, कभी चोर किसी के पैसे-हीरे-जेवर चुरा के ले जाता है तो कभी चोर किसी की कुछ बहुत कीमती चीज़ और अक्सर चोरी के बाद चोर कोई भी तरह का सुराग नहीं छोड़ता। 

    लेकिन राजस्थान के जैसलमेर से एक बिलकुल इससे उलट मामला सामने आया है जिसमें चोर ने सिर्फ 2 पीस सफ़ेद बर्फी और 2 पीस आगरा का पेठा चुराया और दुकानदार के लिए 2 पेज का लेटर लिख के रफूचक्कर हो गया. 

    क्या है पूरा मामला?

    दरअसल मामला राजस्थान के जैसलमेर के भणियाणा कस्बे का है। यहां गोमाराम नाम के हलवाई की एक मिठाई की दुकान है। इस दुकान में ही 23 जनवरी की रात को चोर मिठाई खाकर एक ऐसा लेटर छोड़ गया, जिसके अब हर तरफ चर्चे हो रहें हैं. 

    मिली जानकारी के अनुसार, जब सुबह गोमराम ने अपनी दूकान खोली तो उन्हें मिठाई इधर-उधर रखी मिली और ऊपर दीवार के तीन ईट भी हटे दिखे, जिसे देख के उन्हें बहुत गुस्सा आया और वे समझ गए कि दुकान में चोरी हुई है.  साथ ही उन्होंने देखा कि दुकान से गल्ला भी गायब है और  इसके बाद उसने पुलिस को घटना की जानकारी दी।

    सूचना पर भणियाणा पुलिस थानाधिकारी अशोक कुमार मौके पर पहुंचे थे। तलाशी के दौरान एक लेटर मिला। उसे पढ़कर मालिक ने रिपोर्ट दर्ज करवाने का मन बदल लिया। उसने पुलिस को कहा कि वो खुद एक गरीब आदमी है। दुकान में चोरी से बहुत दुखी था। मगर अब वो रिपोर्ट दर्ज नहीं करवाना चाहता।

    लेटर में चोर ने लिखी बातें

    चोर में चोरी करने के बाद अपने लेटर में लिखा, 'नमस्कार साहब मैं एक नेक दिल इंसान हूं। मैं आपकी दुकान में चोरी करने नहीं बल्कि अपनी ख्वाहिश पूरी करने के लिए घुसा हूं। हां मैं आपकी दुकान के ऊपर से तीन ईंट हटाकर अंदर घुसा,वो भी खाने के लिए। "मैंने कल से खाना नहीं खाया है, मैं भूखा हूं"। सिर्फ इसलिए मैं आपकी दुकान में पैसे लेने नहीं बल्कि भूख मिटाने के लिए आया हूं।

    मुझे मालूम है कि आप गरीब है इसलिए दिलासा दिलाने लिए यह अर्जी लिख रहा हूं और हां मेरे थोड़ी चोरी करते हुए पैर में चोट आई है। इसलिए इसका भी भुगतान आपको करना पड़ेगा। इसलिए मैं आपके पैसे का गुल्लक लेकर गया हूं।

    मैंने आपकी दुकान में ज्यादा कुछ नहीं खाया, सिर्फ दो पीस सफेद मिठाई के और दो पीस आगरे का पेठा खाया है। जबकि आपकी दुकान में रखी सेव मुझे नहीं मिली।

    मैं एक आखरी बात कहना चाहता हूं कि आप पुलिस को मत बुलाना। वो मेरा कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी उल्टा आपसे ही पैसा लेगी। मैं पूरी जिंदगी आपका आभारी रहूंगा आपने जो मेरी इतनी सेवा की। तुम्हारा "अतिथि"