Hindenburg Report के बाद Adani Group ने चली बड़ी चाल, इन कंपन‍ियों को बेची ह‍िस्‍सेदारी

    अडानी समूह की तरफ से कहा गया क‍ि उसने ग्रुप की चार ल‍िस्‍टेड कंपनियों में अल्पांश हिस्सेदारी कंपनी जीक्यूजी पार्टनर्स को 15,446 करोड़ रुपये में बेच दी है.

    Business News: हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद अडाणी ग्रुप के शेयरों में लगातार गिरावट देखने को मिली. हालांकि, पिछले कुछ दिनों में ग्रुप से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में रिकवरी देखने को मिली है. दूसरी ओर, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट मामले पर छह सदस्यीय समिति का गठन किया है. अब समूह ने कहा है कि उसने ग्रुप की चार ल‍िस्‍टेड कंपनियों में अल्पांश हिस्सेदारी (American Asset Manager)  कंपनी जीक्यूजी पार्टनर्स को (GQG Partners) 15,446 करोड़ रुपये में बेच दी है.

    चुकाना होगा 2 अरब डॉलर का कर्ज !

    जानकारी के मुताबिक, अडानी ग्रुप को आने वाले महीनों में दो अरब डॉलर से ज्यादा का कर्ज चुकाना है. समूह ने एक बयान में कहा कि अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड अडानी (APSEZ), ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड (ATL)  और अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) के शेयर बाजार में बेचे गए. बयान के अनुसार, इस निवेश के साथ, GQG भारतीय बुनियादी ढांचे के विकास और वृद्धि में एक प्रमुख निवेशक बन गया है.

    एईएल में बिक्री से पहले 72.6 प्रतिशत हिस्सेदारी

    अडानी ग्रुप पर 2.21 लाख करोड़ रुपये का लोन है, जिसका लगभग 8 प्रतिशत अगले वित्त वर्ष के अंत तक चुकाना है. एईएल में बिक्री से पहले प्रवर्तकों की 72.6 प्रतिशत हिस्सेदारी थी और इसमें 3.8 करोड़ शेयर या 3.39 प्रतिशत हिस्सेदारी 5,460 करोड़ रुपये में बेची गई. एपीसेज में प्रवर्तकों की 66 प्रतिशत हिस्सेदारी थी और इसमें 8.8 करोड़ शेयर या 4.1 प्रतिशत हिस्सेदारी 5,282 करोड़ रुपये में बेची गई.

    समूह के सीएफओ ने क्या कहा ?

    एटीएल में प्रवर्तकों की 73.9 फीसदी हिस्सेदारी थी और इसमें 2.8 करोड़ शेयर या 2.5 फीसदी हिस्सेदारी 1,898 करोड़ रुपये में बेची गई. एजीईएल में प्रवर्तकों की 60.5 प्रतिशत हिस्सेदारी थी और इसमें 5.5 करोड़ शेयर या 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी 2,806 करोड़ रुपये में बेची गई. अडाणी समूह के सीएफओ जुगशिंदर सिंह (रॉबी) ने कहा कि जीक्यूजी के साथ सौदा संचालन व्यवस्था, प्रबंधन गतिविधियों और अडाणी कंपनियों में वैश्विक निवेशकों के लगातार भरोसे को दर्शाता है.