Adani-Hindenburg Case: पहली नजर में कोई गड़बड़ी नहीं, SC की कमेटी ने अडानी को दी क्लीन चिट

    अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) ने 24 जनवरी को अडानी ग्रुप की कंपनियों को ओवरवैल्यूड और खातों में हेराफेरी करने वाला करार दिया था.

    अडानी हिंडनबर्ग केस (Adani Hindenburg Case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आज विशेष समिति (Special committee) की रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी है. आपको बता दें कि अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) ने 24 जनवरी को अडानी ग्रुप की कंपनियों को ओवरवैल्यूड और खातों में हेराफेरी करने वाला करार दिया था. इस पर विपक्ष ने हंगामा किया, जब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो सुप्रीम कोर्ट ने इसकी जांच के लिए एक विशेष कमेटी का गठन किया और अपनी रिपोर्ट देने को कहा. वहीं आज कमेटी ने रिपोर्ट सौंप दी है. 

    हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी के रिटेल में इजाफा

    सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेष समिति की रिपोर्ट में बताया गया कि अडानी समूह ने सभी लाभार्थी मालिकों का खुलासा किया है. सेबी की ओर से ऐसा कोई आरोप नहीं लगाया गया है कि वे अडानी के लाभार्थी मालिकों की घोषणा को नकार रहे हैं. रिपोर्ट में बताया गया कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी के रिटेल में इजाफा हुआ है. रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि प्रथम दृष्टया मौजूदा नियमों या कानूनों का कोई उल्लंघन नहीं पाया गया है.

    42 शेयरधारकों के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं

    रिपोर्ट में कहा गया है कि सेबी के पास अभी भी 13 विदेशी संस्थाओं और प्रबंधन के तहत संपत्तियों में 42 शेयरधारकों के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है. रिपोर्ट यह तय करने के लिए सेबी को छोड़ देती है कि क्या उन 13 संस्थाओं में कोई और मामला बनाया जाना है जिनकी जांच लंबित है. रिपोर्ट में ईडी के मामले का जिक्र करते हुए सेबी ने प्रथम दृष्टया कोई आरोप नहीं लगाया है.