डीएम की हत्या करने वाले बाहुबली आनंद मोहन 16 साल बाद रिहा, लोगों के रोष से राजनीति गरमाई

    बाहुबली आनंद मोहन की रिहाई बिहार सरकार के द्वारा लोक सेवक हत्या कानून में संशोधन के बाद हुई है. जिसकी वजह से बिहार के लोगों में काफी नाराजगी देखी गई है.

    डीएम की हत्या करने वाले बाहुबली आनंद मोहन 16 साल बाद रिहा, लोगों के रोष से राजनीति गरमाई

    गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया की 5 दिसंबर 1994 को हुई हत्या मामले में आरोपी बनाए गए बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह को गुरुवार सुबह चार बजे जेल से रिहा कर दिया गया. जेल की पूरी प्रक्रिया सुबह 4:30 बजे खत्म हुए तो वह जेल से बाहर आए. बता दें कि गोपालगंज के तत्काल जिलाधिकारी जी. कृष्णैया की हत्या के मामले में आनंद जेल की सजा काट रहा था. रिहाई के बाद बिहार सरकार की चारों ओर से कड़ी निंदा हो रही है. वहीं, इस रिहाई के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में जनहित याचिका दर्ज की गई और बिहार सरकार की अधिसूचना को निरस्त करने की मांग की गई है.

    रिहाई पर लोग हुए नाराज

    बता दें कि बाहुबली आनंद मोहन की रिहाई बिहार सरकार के द्वारा लोक सेवक हत्या कानून में संशोधन के बाद हुई है. जिसकी वजह से बिहार के लोगों में काफी नाराजगी देखी गई है. बाहुबली की रिहाई होने पर उनके समर्थक भारी संख्या में जेल पहुंचे. अभी हाल ही में आनंद मोहन की बेटे की सगाई के मौके पर वो 15 दिन की पैरो पर बाहर आया था. पैरोल खत्म होने पर मोहन ने गिरफ्तारी दे दी. इसके बाद रात भर जेल में बिताने के बाद उसे तड़के सुबह हमेशा के लिए रिहा कर दिया गया.

    पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने किया समर्थन

    हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने मोहन की रिहाई का समर्थन किया. उन्होने कहा कि यह रिहाई कानूनी कार्रवाई के तहत हुई है. हम आनंद मोहन को व्यक्तिगत रूप से जानते है कि वह अपराधी नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि ये सही बात है कि जिनकी हत्या हुई वह दलित थे, हत्या उचित नहीं थी. लेकिन जो उन्होंने जुर्म किया उसकी उन्हें सजा मिल गई. अब सजा काटने के बाद जेल में रखना कहां का नियम है.