एशिया की पहली महिला लोको Surekha Yadav यादव ने फिर रचा इतिहास,सोलापुर से CSMT तक चलायी वंदे भारत एक्सप्रेस

    इस समय हमारे देश में 10 वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं, अपनी बेहतरीन सुविधाओं और तेज रफ्तार की वजह से यह ट्रेन बहुत ही कम समय में लोकप्रिय हो गई है.देश की पहली वंदे भारत ट्रेन नई दिल्ली और वाराणसी के बीच चली. यह ट्रेन फरवरी 2019 में चलाई गई थी.

    Vande Bharat Express : एशिया की पहली महिला लोको पायलट सुरेखा यादव ने आज वंदे भारत एक्सप्रेस को सोलापुर से सीएसएमटी तक ट्रैक पर दौड़ाया. छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के प्लेटफॉर्म नंबर 8 पर सुरेखा यादव का जोरदार स्वागत किया गया.  इस समय हमारे देश में 10 वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं, अपनी बेहतरीन सुविधाओं और तेज रफ्तार की वजह से यह ट्रेन बहुत ही कम समय में लोकप्रिय हो गई है.देश की पहली वंदे भारत ट्रेन नई दिल्ली और वाराणसी के बीच चली. यह ट्रेन फरवरी 2019 में चलाई गई थी. इस ट्रेन में ऑटोमेटिक गेट, एसी कोच, ऑनबोर्ड वाई-फाई जैसी कई सुविधाएं हैं.


     जानिए सुरेखा यादव के बारे में

     एशिया की पहली महिला लोको पायलट सुरेखा यादव का जन्म 2 सितंबर 1965 को महाराष्ट्र में हुआ था उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा राज्य के सतारा में स्थित सेंट पॉल कॉन्वेंट हाई स्कूल से प्राप्त की.आगे की पढ़ाई के लिए सुरेखा ने वोकेशनल ट्रेनिंग कोर्स किया और बाद में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हासिल किया

     सुरेखा ने सबसे पहले अपने करियर की शुरुआत एक मालगाड़ी चालक के रूप में की थी. धीरे-धीरे उसका ड्राइविंग कौशल बेहतर होता गया। साल 2000 में उन्हें मोटर वुमन के पद पर प्रोन्नत किया गया. उसके बाद साल 2011 में सुरेखा एक्सप्रेस मेल की पायलट बनीं. इसी के साथ सुरेखा यादव को महिला दिवस के मौके पर एशिया की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर होने का खिताब मिला. सुरेखा ने पुणे के डेक्कन क्वीन से सीएसटी रूट पर ट्रेन चलाई है जो सबसे खतरनाक रेलवे रूट माना जाता है.