समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) को हेट स्पीच (Hate Speech) केस में रामपुर कोर्ट (Rampur Court) ने बरी कर दिया है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि अब आजम खान का अगला कदम क्या होगा? क्योंकि उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई है. उनकी विधानसभा रामपुर सदर सीट पर उपचुनाव भी हो चुका है. फिलहाल वहां से बीजेपी के आकाश सक्सेना (Akash Saxena) विधायक हैं.
आजम खान (Azam Khan) के बरी होने के बाद अब कुछ सवाल उठ रहे हैं जिन पर विचार करना जरूरी हो गया है. सवाल यह है कि आजम खान के बरी होने के बाद क्या अब उन्हें कोई कानूनी मदद मिल सकती है? अदालत के निर्णय के बाद क्या चुनाव आयोग को अपने निर्णय पर विचार करने की आवश्यकता है? क्या जनप्रतिनिधित्व कानून में बदलाव होना चाहिए?
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार यदि कोई सांसद या विधायक किसी भी मामले में 2 या 2 वर्ष से अधिक की सजा पाता है तो उसकी सदस्यता रद्द कर दी जाती है. हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मोदी सरनेम मामले में सूरत कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई. जिसके बाद उनकी संसदीय सदस्यता रद्द कर दी गई. अब वायनाड में भी उपचुनाव कराने की बात चल रही है.
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान उनके एक भाषण के खिलाफ हेट स्पीच का मामला दर्ज किया गया था. इस पर पिछले साल 22 अक्टूबर को निचली अदालत ने उन्हें हेट स्पीच मामले में तीन साल की सजा सुनाई थी. लेकिन आज उनके लिए बड़ी राहत की खबर आई है. उन्हें रामपुर में एमपी एमएलए कोर्ट के सत्र न्यायालय ने बरी करार दिया है.