Game Changers: 9वीं क्लास से शुरू किया था पढ़ाना... जानिए Utkarsh Classes की 'उत्कर्ष' कहानी

    भारत 24 के स्पेशल शो 'Game Changers' में उत्कर्ष क्लासेस के फाउंडर और सीईओ डॉ. निर्मल गहलोत से खास बातचीत की गई.

    Game Changers: उत्कर्ष क्लासेस (Utkarsh Classes) के फाउंडर और सीईओ  डॉ. निर्मल गहलोत (Dr. Nirmal Gehlot) ने भारत 24 के स्पेशल शो 'Game Changers' में चीफ बिजनेस ऑफिसर मनोज जग्यासी से खास बात की. इस दौरान उन्होंने अपने और फिजिक्सवाला (Physics Wallah) के ज्वाइंट वेंचर स्थापित के बारे में बताया. डॉ. निर्मल गहलोत ने कहा कि, ' हम इस सहयोग के माध्यम से कम मूल्य में अच्छी शिक्षा के लिए काम कर रहें है.'

    उत्कर्ष का मतलब ही होता है परफेक्ट

    मनोज जग्यासी ने जब डॉ. निर्मल गहलोत से पूछा कि आपने उत्कर्ष नाम कैसे रखा तो इसपर  डॉ. निर्मल गहलोत ने कहा कि 'मैं खुद हिंदी साहित्य का स्टूडेट था, इसलिए मैने यह संकल्प लिया था कि मैं आपने इंस्टिट्यूट का नाम हिन्दी में ही रखूंगा. फिर बहुत सर्च करने के बाद उत्कर्ष रखा और उत्कर्ष का मतलब ही होता है परफेक्ट.'

    कैसे हुई उत्कर्ष की शुरुआत ? 

    उत्कर्ष की शुरुआत कैसे हुई इस सवाल पर डॉ. निर्मल कहते है कि 'मेरे पिताजी भी टीचर रहे है. जिसके कारण बचपन से ही हम उस ओर जाने लगे ऐसा समझिए की हमारे DNA में भी है.' आगे डॉ. निर्मल गहलोत कहते है कि जब 9वीं क्लास में था तब से मेरे दोस्तो को पढ़ता था पढ़ने का जो एक उत्साह जो रहता है. जो पढ़ने की शोक था वो शुरु से ही था.