Bribes for vote case: सुप्रीम कोर्ट ने पुराना फैसला पलटा, सदन में वोट के बदले नोट लेने और भाषण देने पर चलेगा मुकदमा

    Bribes for vote case: सुप्रीम कोर्ट ने पुराना फैसला पलटा, सदन में वोट के बदले नोट लेने और भाषण देने पर चलेगा मुकदमा

    Bribes for vote case

    वोट के बदले नोट मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. यानी अब अगर सांसद पैसे लेकर सदन में भाषण या वोट देते हैं तो उनके खिलाफ केस चलाया जा सकता है. वोट के बदले नोट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए 1998 के नरसिम्हा राव जजमेंट के अपने फैसले को पलट दिया और सांसदों-विधायकों को कानूनी संरक्षण देने से इनकार कर दिया.

    1998 के इस फैसले को बदला

    सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 1998 का नरसिंह राव फैसला पलट दिया. मामले में चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली 7 जजों की बेंच का यह साझा फैसला है जिसका सीधा असर झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की सीता सोरेन पर पड़ेगा. उन्होंने विधायक रहते रिश्वत लेकर 2012 के राज्यसभा चुनाव में वोट डालने के मामले में राहत मांगी थी.

    क्या है मामला 

    मामला ये है कि अगर सांसद पैसे लेकर सदन में वोट या भाषण करते हैं तो उनके खिलाफ केस चलाया जाएगा। इस मामले में उन्हें कोई छूट नहीं मिल पाएगी. दरअसल 1998 में  5 जजों की संविधान पीठ ने 3:2 के बहुमत से तय किया था कि ऐसे मामले में जनप्रतिनिधियों पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने इसी फैसले को पलट दिया है.इसका मतलब साफ है कि अगर कोई सांसद या विधायक सदन में मतदान के लिए रिश्वत लेता है को उस पर मुकदमा होगा. वह कार्रवाई से बच नहीं सकेगा.