Electronic Tattoos: क्या आपने कभी सोचा है भविष्य में टेक्नोलॉजी की दुनिया कैसी होगी? अक्सर Sci-Fi फिल्मों (Science Fiction Movies) में इसका कॉन्सेप्ट देखने को मिल जाता है. आज के असल दुनिया में हम फिल्मों की ना जानें कितनी टेक्नोलॉजी को देख पा रहे हैं. उन्हीं में से एक है स्मार्टफोन (Smartphone). आज के समय में तेजी से डेवलप होते टेक्नोलॉजी की दुनिया में हमने बहुत सी चीजों को बदलते हुए देखा. जैसे एक बड़े कंप्यूटर से लैपटॉप, टेलिफोन से कीपैड मोबाइल और उसके बाद स्क्रीनटच स्मार्टफोन्स. इसके बाद अभी भी Technology काफी तेजी से आगे बढ़ रही है. ऐसे में सवाल उठता है कि भविष्य में मोबाइल और स्मार्टफोन्स का रूप और कितना बदलेगा?
गायब हो जाएंगे Smartphones
स्मार्टफोन इंडस्ट्री को इतना तेजी से विकसित होते देख विशेषज्ञों का मानना है कि ये आने वाले समय में ये गायब ही हो जाएंगे. पिछले कुछ सालों में ही स्मार्टफोन्स ने कैमरा, डिस्प्ले और चार्जिंग के मामले में अपनी सफर में जो रफ्तार पकड़ी है उसे देख कर यही कहा जा सकता है. महज कुछ सालों में ही टेक्नोलॉजी का ये सेक्टर इतना तेजी से विकसित हुआ जिसकी हम सिर्फ कल्पना कर रहे थे. बात चाहे मिनटों में फोन चार्ज करने की हो या अंडर डिस्पले कैमरा की. स्मार्टफोन के नए-नए आधुनिक फीचर बेहद चौंकाने वाले हैं. एक्सपर्ट्स इस पर भी विचार कर रहे हैं कि आने वाले समय में मोबाइल फोन का अगला पड़ाव क्या होगा? विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वक्त में स्मार्टफोन इतना विकसित हो जाएंगे कि यह गायब ही हो जाएंगे.
Bill Gates ने की भविष्यवाणी
साल 2023 के शुरूआत में ही माइक्रोसॉफ्ट फाउंडर बिल गेट्स (Microsoft Founder Bill Gates) ने एक ऐसी ही टेक्नोलॉजी की उम्मीद जताया था, जो स्मार्टफोन की जगह ले लेंगे. बिल गेट्स का मानना है कि भविष्य में Electronic Tattoos स्मार्टफोन को रिप्लेस कर उनकी जगह ले सकते हैं. कई एससीआई-एफआई फिल्मों (Sci-Fi Films) में इस तरह के टैटूज़ दिखाए गए हैं, जो एक तरह के चिप होते हैं. इन्हें शरीर में इंप्लांट किया जाता है. ये टेक्नोलॉजी भी कुछ वैसी ही होगी, जिसका इस्तेमाल करके स्मार्टफोन को शरीर में इंटीग्रेट किया जा सकेगा. अगर ऐसा हुआ तो ये मानव सभ्यता के लिए फायदे के साथ काफी नुकसानदायक भी साबित हो सकता है. ऐसे टेक्नोलॉजी से किसी इंसानी शरीर को दूसरा व्यक्ति नियंत्रित कर सकता है और उनसे जुड़ी जानकारियां भी हासिल कर सकता है. ये भी टेक्नोलॉजी की दुनिया की एक कल्पना है.
इंसानों के शरीर में लगेंगे चिप
ऐसे टेक्नोलॉजी की कल्पना Chaotic Moon के आधार पर की गई है. ये कंपनी बायाटेक्नोलॉजी (Biotechnology) पर आधारित ऐसा टैटू बनाती है, जो इंसानों के शरीर से जानकारी इक्ट्ठा करते हैं. फिलहाल ऐसे टैटूज़ का इस्तेमाल स्पोर्ट्स और मेडिकल लाइन में किया जा रहा है. इसी को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि बायोटेक्नोलॉजी टैटू को इतना विकसित और बेहतर कर लिया जाएगा कि अलग से स्मार्टफोन रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
चिप से कंट्रोल किए जा सकेंगे इंसान
इसके साथ ही टेक्नोलॉजी की दुनिया में ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस की तैयारी की जा रही है. एलन मस्क (Elon musk) की न्यूरालिंक (Neuralink) जैसी कुछ कंपनियां इस पर काम करने में जुटी हुई हैं. साइंस फिक्शन फिल्मों में दिखाई जानी वाली ये टेक्नोलॉजी जल्द ही हकीकत में भी तबदील हो सकती है. ये एक ऐसी चिप होगी जिसे इंसानों के दिमाग में फिट किया जाएगा. इसके बाद उनके शरीर को कंप्यूटर की मदद से नियंत्रित भी किया जा सकेगा.
Nokia के CEO ने भी की भविष्यवाणी
कुछ ऐसी ही भविष्यवाणी नोकिया के सीईओ पेक्का लुंडमार्क ने भी की थी. इसी साल वर्ल्ड इकनॉमी फोरम (World Economic Forum) में यह जानकारी दी थी. Pekka Lundmark ने विश्व आर्थिक मंच से कहा कि आने वाले साल 2030 तक 6G टेक्नोलॉजी स्टार्ट हो जाएगी. उनका मानना है कि उस समय तक स्मार्टफोन्स सामान्य इंटरफेस (Common Interface) नहीं होंगे. उन्होंने बताया कि स्मार्टफोन की जगह कोई स्मार्ट ग्लास दूसरा अन्य प्रोडक्ट यूज़ होने लगेगा. पेका के मुताबिक उस वक्त दुनिया के हिस्सों में टेक्नोलॉजी इस कदर बढ़ जाएगी कि मोबाइल से जुड़ी कई चीजें हमारे शरीर में सीधे तौर पर मिलने लग जाएंगी. एलन मस्क ऐसी ही टेक्नोलॉजी पर न्यूरालिंक पर काम भी कर रहे हैं.