महिलाओं को लोन देने में फाइनेंस कंपनियों की ज्यादा दिलचस्पी, जानिए वजह

    क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनी ट्रांसयूनियन सिबिल की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में देश में कर्ज लेने वाली महिलाओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले तेजी से बढ़ी है। बैंक भी महिलाओं को कर्ज देने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाते हैं।

    फाइनेंस कंपनियों पर की गई एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को लोन देना ज्यादा सुरक्षित है। महिलाओं को कर्ज देने से पैसा डूबने की संभावना कम होती है। रिपोर्ट यह भी बताती है कि महिलाएं कर्ज चुकाने में पुरुषों से कहीं आगे हैं। यही वजह है कि फाइनेंस कंपनियां महिलाओं को लोन देने में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रही हैं।

    कर्ज चुकाने में भी महिलाएं पुरुषों से आगे 

    क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनी ट्रांसयूनियन सिबिल की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में देश में कर्ज लेने वाली महिलाओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले तेजी से बढ़ी है। बैंक भी महिलाओं को कर्ज देने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाते हैं। महिलाएं न केवल कर्ज लेने में बल्कि उन्हें समय से चुकाने में भी पुरुषों से बेहतर हैं। पुरुष कर्जधारक को उधार देने की तुलना में महिलाओं को ऋण देना कम जोखिम भरा है। क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनी ट्रांसयूनियन सिबिल ने यह असेसमेंट (ट्रांसयूनियन सिबिल डेटा) पेश किया है।

    महिलाओं का कर्ज लेना आर्थिक विकास का प्रतीक

    रिपोर्ट में पाया गया कि 51 प्रतिशत पुरुषों की तुलना में 57 प्रतिशत महिलाओं के क्रेडिट स्कोर उन्हें 'विशिष्ट' श्रेणी में रखते हैं। खुदरा ऋण आमतौर पर सुरक्षित माने जाते हैं क्योंकि इस श्रेणी के अधिकांश ऋण संपत्ति जैसे घर द्वारा समर्थित होते हैं। ट्रांसयूनियन CIBIL ने कहा कि खपत-उन्मुख ऋण जैसे कि व्यक्तिगत ऋण और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं के लिए ऋण भी महिलाओं के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं। जानकारों के मुताबिक महिलाओं के लिए कर्ज लेना देश की अर्थव्यवस्था और सामाजिक विकास के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है.