चौथी तिमाही में GDP गिरकर 7.2 फीसदी पहुंची, लेकिन इकॉनमी की रफ्तार बरकरार, जानें रिपोर्ट्स

    RBI ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा था कि Q4FY23 में वास्तविक GDP 5.1% बढ़ने का अनुमान है। वहीं, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने चौथी तिमाही के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट 5.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था.

    वित्त वर्ष 2023 में सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी ग्रोथ घटकर 7.2% पर आ गई है, जो वित्त वर्ष 22 में 9.1% थी. वहीं, जनवरी-मार्च तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.1% पर पहुंची। पिछले साल की इसी तिमाही यानी Q4FY22 में यह 4% थी। पिछली तिमाही यानी दिसंबर 2022 में जीडीपी ग्रोथ 4.4% थी. इससे पहले सितंबर में यह 6.3% की दर से बढ़ी थी.

    ग्रॉस वैल्यू एडेड 8.8% से घटकर 7% हुआ 

    वित्त वर्ष 23 में जीवीए यानी ग्रॉस वैल्यू एडेड 8.8% से घटकर 7% हो गया है। जनवरी-मार्च तिमाही में जीवीए 6.5 फीसदी रहा है. एक साल पहले समान तिमाही में यह 3.9% थी. जबकि जीडीपी एक अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य को ट्रैक करने के लिए उपयोग किए जाने वाले सबसे आम संकेतकों में से एक है, जीवीए एक अर्थव्यवस्था में कुल उत्पादन और आय को मापता है.

    जीडीपी ग्रोथ रेट 5.5 फीसदी रहने का अनुमान

    RBI ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा था कि Q4FY23 में वास्तविक GDP 5.1% बढ़ने का अनुमान है। वहीं, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने चौथी तिमाही के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट 5.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था. FY23 के लिए भारत की GDP वृद्धि 7.1% रहने की उम्मीद थी. वहीं, NSO ने FY23 में GDP ग्रोथ रेट 7% रहने का अनुमान लगाया था.

    भारतीय अर्थव्यवस्था में लचीलेपन के संकेत

    विवेक राठी, अनुसंधान निदेशक, नाइट फ्रैंक इंडिया, ने कहा कि FY23 में 7.2% की आर्थिक वृद्धि आर्थिक और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलेपन को इंगित करती है। भारत का आर्थिक विकास मुख्य रूप से मजबूत घरेलू मैक्रो-इकोनॉमिक फंडामेंटल्स द्वारा संचालित है। सरकार द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर खर्च के लिए उच्च आवंटन और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए पीएलआई जैसी नीतियां लंबी अवधि में आर्थिक विकास का समर्थन करेंगी.