LIC News Updates: देश की सबसे बड़ी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने अपने कर्मचारी और एजेंट्स को बड़ी सौगात दी है. दरअसल सरकार ने इन लोगों के लिए कई बेनेफिट्स का ऐलान कर दिया है. इनमें ग्रेज्युटी लिमिट में बढ़ोतरी, एजेंट रिन्युअल कमीशन, टर्म इंश्योरेंस कवर और एक समान फैमिली पेंशन की सुविधा शामिल है, जो कर्मचारियों के साथ एलआईसी एजेंट्स को भी मिलेंगे.
टारगेट है एजेंट्स की वर्किंग कंडीशन में सुधार
वित्त मंत्रालय की ओर से इस बारे में एक ट्वीट X (पहले ट्विटर) किया गया है. जिसमें यह जानकारी दी गई है की फाइनेंस मिनिस्ट्री ने एलआईसी एजेंट्स और कर्मचारियों के लिए कल्याणकारी उपायों को मंजूरी दे दी गई है. सरकार के इस कदम से भारतीय जीवन बीमा निगम के 1 लाख से ज्यादा नियमित कर्मचारी और 13 लाख से अधिक एजेंट्स को फायदा होगा.
इस फैसले से 1 लाख रेगुलर कर्मचारियों और 13 लाख एजेंट को फायदा मिलेगा. वित्त मंत्रालय ने कहा कि इसके जरिए एजेंट को वित्तीय स्थिरता मिल सकेगी. भारतीय जीवन बीमा निगम की ग्रोथ और भारत में बीमा पैठ को गहरा करने में LIC के एजेंट महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
चार स्कीम्स जिन्हें अप्रूवल दिया गया है:
*LIC एजेंट की ग्रेच्युटी लिमिट बढ़ाई गई: एलआईसी एजेंट्स के लिए ग्रेच्युटी लिमिट 3 लाख रुपए थी, और अब ग्रेच्युटी लिमिट को 3 से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया गया है.
* टर्म इंश्योरेंस कवर की लिमिट बढ़ाई: इस फैसले से एजेंट के लिए टर्म इंश्योरेंस कवर की मौजूदा लिमिट ₹3,000-₹10,000 को बढ़ाकर ₹25,000-₹1,50,000 कर दी है.
* एक समान 30% दर से फैमिली पेंशन: LIC कर्मचारियों के परिवारों के कल्याण के लिए अब फैमिली पेंशन की 30% की एक समान दर लागू होगी. पहले यह सीमा 15% हुआ करती थी.
* दोबारा जॉइन करने वाले एजेंट को फायदा: LIC एजेंट बीच में एजेंसी छोड़ने के बाद दोबारा से जॉइन करते हैं, वो अपने पुराने काम का कमीशन पाने के हकदार होंगे.
साल 1956 में अस्तित्व में आई थी LIC
19 जून 1956 को संसद ने लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन एक्ट (Act) पारित किया था. इसके तहत देश में कार्य कर रहीं 245 प्राइवेट कंपनियों का अधिग्रहण कर लिया गया था. इस तरह 1 सितंबर 1956 को भारतीय जीवन बीमा निगम यानी (LIC) अस्तित्व में आई थी. सभी बीमा कंपनियों को मिलाकर एलआईसी का गठन हुआ था और इन सभी कंपनियों में करीब 27 हजार कर्मचारी काम कर रहे थे.
बेहद संघर्ष भरा रहा है सफर
LIC के शुरुआती दिनों में एजेंटों के लिए लोगों को समझाना काफी मुश्किलों भरा काम था. स्कीम के बारे में लोगों को समझाने के लिए उन्हें ट्रेन, बस, मोटरसाइकिल, साइकिल से लेकर बैलगाड़ियों तक में जाकर प्रचार करना पड़ा. भारतीय जीवन बीमा निगम के कर्मचारी काफी दूर तक पैदल चलते, लेकिन उसी का नतीजा है कि आज ग्रामीण अंचलों में एलआईसी की 12 करोड़ पालिसियां हैं. इसलिए एलआईसी पहले दिन से ही भारत की टॉप एम्प्लॉयर कंपनियों में शुमार हो गई थी.