राहुल गांधी को सूरत कोर्ट से राहत नहीं मिलने पर गुजरात हाईकोर्ट का किया रुख...दो साल की मिली थी सजा

    राहुल गांधी को सजा मिलने के बाद उनके वकील ने सजा को माफ करने के लिए दलील पेश की थी. इस दौरान दलील में कहा गया कि मानहानि मामले में किसी खास व्यक्ति के सम्मान को ठेस पहुंचाने की बात को स्पष्टता के साथ नहीं कहा गया है.

    मोदी सरनेम को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सूरत की अदालत ने दोषी मानते हुए दो साल की सजा सुनाई थी. जिसके बाद राहुल की सांसदी अयोग्य करार दी गई. बता दें कि सासंदी जाने के बाद राहुल को हाल ही में सरकारी बंगला भी खाली भी करना पड़ा था. बंगला खाली करते हुए राहुल गांधी ने मीडिया से बात करते हुए था कहा कि वह सिर्फ आज सच बोलने की कीमत को चुका रहे है और वह इस सच को बोलते रहेंगे. भले ही इसके लिए उन्हें कोई भी कीमत चुकानी पड़े.

    राहुल ने बड़े दायरे को समेटने की कोशिश की

    राहुल गांधी को सजा मिलने के बाद उनके वकील ने सजा को माफ करने के लिए दलील पेश की थी. इस दौरान दलील में कहा गया कि मानहानि मामले में किसी खास व्यक्ति के सम्मान को ठेस पहुंचाने की बात को स्पष्टता के साथ नहीं कहा गया है. वैसे बड़े दायरे को समेटने के लिए मानहानि का मामला दर्ज नहीं होता है और जब राहुल गांधी ने कोलार में भाषण दिया. उस टिप्पणी में एक बड़े दायरे को समेटने की कोशिश की थी.

    कांग्रेस नेता ने हाईकोर्ट का रूख किया

    राहुल का भाषण इसी प्रकार था कि नेता तो भ्रष्ट होते है, पंजाबी तो ऐसे होते है और बंगाली लोग काला जादू करते है. इस पर मानहानि कर मुकदमा दर्ज नहीं किया जा सकता है. आपको बता दें कि सूरत कोर्ट से राहत मिलने पर राहुल ने हाईकोर्ट की ओर रूख किया है और सजा खत्म करने वाले फैसले को चुनौती दी है. अब इस मामले पर गुरूवार को सुनवाई हो सकती है.