फ्यूचर गेमिंग कंपनी का मालिक सैंटियागो मार्टिन ने कैसे ED की कार्रवाई के 5 दिन बाद ही खरीदे 100 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड्स

    फ्यूचर गेमिंग कंपनी का मालिक सैंटियागो मार्टिन ने कैसे ED की कार्रवाई के 5 दिन बाद ही खरीदे 100 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड्स

    नई दिल्ली : फ्यूचर गेमिंग एंड होटल्स सर्विसेज कंपनी का मालिक सैंटियागो मार्टिन (59) ने ईडी की कार्रवाई के 5 दिन बाद ही 100 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीद लिए थे. उसने सबसे ज्यदा 1368 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड्स खरीदे और राजनीतिक दलों को दिया. यह जानकारी वीरवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) द्वारा चुनाव आयोग को उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से सामने आया है. चुनाव आयोग ने इन आंकड़ों को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिए हैं. 

    चुनाव आयोग को 12 अप्रैल 2019 से 11 जनवरी 2024 तक इलेकटोरल बॉन्ड के आंकड़े दिए हैं. इसमें सामने आया है कि इस शख्स ने इस दौरन सबसे ज्यादा राजनीतिक दलों को 1368 करोड़ रुपये का चंदा दिया. इसने ये इलेक्टोरल बॉन्ड 21 अक्टूबर 2020 से जनवरी 2024 तक खरीदे.

    गौरतलब है कि म्यांमार से भारत आकर सैंटियागो मार्टिन ने यहां लोगों को खूब ऑनलाइन गेम खेलने की लत लगाई. सैंटियागो को 'लॉटरी किंग' के नाम से भी जाना जाता है.  

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    ED ने जब अटैच की सम्पत्ति तो इसने खरीदा 100 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड

    फ्यूचर गेमिंग कंपनी की 409.92 करोड़ की संपत्ति को 2 अप्रैल 2022 को ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के केस में अटैच की गई थी. 5 दिन बाद यानी 7 अप्रैल 2022 को ही सैंटियागो मार्टिन की कंपनी ने 100 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीद लिए.

    2019 में इस मामले की जांच शुरू हुई और ईडी ने जुलाई 2019 में कंपनी के 250 करोड़ की संपत्ति अटैच किया. एजेंसी ने 2 अप्रैल 2022 को भी 409.92 करोड़ की संपत्ति अटैच की. इसके बाद 15 मई 2023 को ईडी ने मार्टिन कंपनी के 457 करोड़ रुपये की सम्पत्ति फ्रीज कर दिया. इन आरोपों के लगने के बाद कंपनी ने उसने 2019 से 2024 के बीच 1368 करोड़ रुपये के बॉन्ड्स खरीदे.

    ईडी 22 जुलाई 2019 के एक बयान के मुताबिक 'लॉटरी किंग' मार्टिन पर लॉटरी रेग्युलेशन एक्ट 1998 के उल्लंघन का आरोप लगा था. इसने साजिश रच कर सिक्किम सरकार को धोखा देने की कोशिश की थी. आरोप था कि उसने सरकार से गलत तरीके से लाभ पाने की कोशिश की. आरोप है कि यह साजिश इसने केरल के में रची, जिसके बाद चेन्नई में इसके परिवार के लोगों और कंपनी के ठिकानों पर ईडी ने छापे मारे. 

    म्यांमार का मजदूर बना 'लॉटरी किंग'

    मार्टिन फाउंडेशन की जानकारी के मुताबिक सैंटियागो मार्टिन म्यांमार के यांगून में मजदूरी करता था. 1988 में वह भारत आया और तमिलनाडु में अपना लॉटरी का बिजनेस शुरू किया. इसे उसने केरल और कर्नाटक में फैलाया. इसके बाद मार्टिन पूर्वोत्तर में पैर जमाया. इसने वहां लॉटरी के सरकारी प्रोजेक्ट्स अपने हाथ में लिए. फिर पड़ोस में भूटान और नेपाल में भी संस्थाएं खोली और इस बिजनेस को भारत से बाहर ले गया. फाउंडेशन की वेबसाइट से पता चलता है कि, उसने मैन्युफैक्चरिंग, रियल एस्टेट, कपड़ा और हॉस्पिटैलिटी जैसे कई अन्य व्यवसायों कदम रखे.

    वेबसाइट के मुताबिक यह ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ लॉटरी ट्रेड एंड अलाइड इंडस्ट्रीज का अध्यक्ष है. ये संगठन लॉटरी बिजनेस के विस्तार और उसकी साख बढ़ाने का काम करता है. 

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    लॉटरी ही नहीं, टीवी चैनल और अस्पताल तक फैला बिजनेस

    सैंटियागो मार्टिन का व्यापार लॉटरी तक ही नहीं अस्पताल और टीवी चैनल तक फैला हुआ है. मार्टिन का कोयंबटूर के पास होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल है. इसके अलावा एक TV चैनल, जिसका नाम एसएस म्यूजिक (SS Music) है.

    इसके अलावा एम एंड सी प्रॉपर्टी डेवलमेंट, मार्टिन नन्थावनम अपार्टमेंट और लीमा रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड का भी मालिक है. 

    पूर्व सीएम की फिल्म का निर्माता बना

    तमिलनाडु में 2011 में DMK पार्टी के प्रमुख और राज्य के मुख्यमंत्री एम करुणानिधि ने एक फिल्म लिखी- इलाइगनन. ये उनका 75वीं फिल्म थी, जो मैक्सिम गोर्की के उपन्यास द मदर पर आधारित थी. इस सैंटियागो मार्टिन ने प्रोड्यूस की. उसने फिल्म पर 20 करोड़ रुपये खर्च किए.

    अंंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस एक रिपोर्ट के मुताबिक एआईएडीएमके की सरकार आने पर मार्टिन लपेटे में आया. उसे जमीन कब्जाने के आरोप में गुंड एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया गया. साथ ही डीएमके सैकड़ों समर्थक और नेता भी गिरफ्तार हुए.

    एक वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में जब AIADMK की सरकार बनी तो मार्टिन के लिए बुरा वक्त आया. मार्टिन को भूमि कब्जा करने के आरोप और गुंडा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया. उसके साथ DMK के सैकड़ों नेताओं और समर्थकों को भी गिरफ्तार किया गया था. ये कार्रवाई उस समय की सीएम जयललिता ने माफिया नेताओं पर शुरू की थी. बाद में मद्रास हाईकोर्ट ने मार्टिन को जमानत  दी थी. मार्टिन 8 महीने तक जेल में रहा. इस दौरान उसे लॉटरी के कई मामलों में CBI ने आरोप पत्र दायर किया.

    मार्टिन की पत्नी लीमा रोज ने मई 2012 में एक पुलिस में मामला दर्ज कराया. इसमें आरोप था कि DMK प्रमुख एम. करुणानिधि के परिवार के एक करीबी समेत दो लॉटरी एजेंटों ने मार्टिन को फर्जी लॉटरी मामले में फंसाया है. 

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