कैसे बना गुड्डू से गुड्डू मुस्लिम बमबाज, जानें पूरी क्राइम कथा

    गुड्डू मुस्लिम का नाम पहली बार 1997 में एक हत्याकांड की घटना में आया था। 7 मार्च 1997 को गुड्डू मुस्लिम ने लखनऊ के चर्चित ला मार्टिनियर स्कूल के गेम टीचर फ्रेडरिक जे गोम्स की हत्या कर दी थी।

    उमेश पाल हत्या कांड में अतीक अहमद के बाद सबसे ज्यादा चर्चित नाम गुड्डू मुस्लिम का है। गुड्डू मुस्लिम प्रयागराज का रहने वाला है। स्कूल में पढ़ाई के दौरान ही वह अपराध की दुनिया मे कदम रख चुका था। गुड्डू मुस्लिम ने  महज 15 की उम्र से ही मारपीट व वसूली का काम शुरू कर दिया था। जिसके कारण गुड्डू मुस्लिम कई बड़े माफियाओं के संपर्क में आ गया था।गुड्डू मुस्लिम के घरवालों को जब पता चला कि गुड्डू कई बड़े माफियाओं के संपर्क में है।जिसे देखकर घर वालो ने गुड्डू को लखनऊ में पढ़ाई के लिए भेज दिया था

    कॉलेज में बाहुबलियों के संपर्क में आया गुड्डू

    गुड्डू मुस्लिम की हरकतों से परेशान होकर घरवालों ने उसे लखनऊ पढ़ने के लिए भेज दिया था। घर वालो को लगा था कि अगर गुड्डू प्रयागराज से बाहर रहेगा तो अपराधियो के साथ बैठना उठना खत्म हो जाएगा। लेकिन परिवार को ये नहीं मालूम था कि गुड्डू के लिए जो सपना देख कर घर वाले उसे लखनऊ भेज रहे है। वह सपना बस सपना बनकर रह जायेगा। गुड्डू बचपन से ही गुंडागर्दी करने लगा था इसलिए उसे लखनऊ में खुला माहौल मिल गया। इसी बीच लखनऊ विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे दो बाहुबली अभय सिंह व धनंजय सिंह के संपर्क में आ गया था।

    1997 में गुड्डू मुस्लिम का नाम जरायम की दुनिया मे बना चर्चा का विषय

    7 मार्च 1997 को गुड्डू मुस्लिम ने लखनऊ के चर्चित ला मार्टिनियर स्कूल के गेम टीचर फ्रेडरिक जे गोम्स की हत्या कर दी थी। जे गोम्स की दिन दहाड़े गुड्डू मुस्लिम ने हत्या कर दी . इसके बाद तो गुड्डू मुस्लिम का नाम जरायम की दुनिया मे जंगल मे आग की तरह फैल गया था। टीचर फेड्रिक जे गोम्स की हत्या कांड में पुलिस ने गुड्डू मुस्लिम को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की पूछताछ में गुड्डू मुस्लिम ने बिल्कुल फिल्मी स्टाइल में बताया कि कैसे उसने जे गोम्स की हत्या की थी। गुड्डू मुस्लिम ने अपना जुर्म कबूल कर लिया था। लेकिन पुलिस गुड्डू मुस्लिम को दोषी साबित नहीं कर सकी थी। जिससे कारण गुड्डू मुस्लिम को कोर्ट ने बरी कर दिया था।

    माफिया श्री प्रकाश शुक्ला को गुड्डू मुस्लिम मानता था गुरु

    सन 1980,90 के उस दौर में उत्तर प्रदेश पुलिस की नाक में दम करने वाले श्री प्रकाश शुक्ला का नाम सुनते ही बड़े बड़े माफिया हथियार डाल दिया करते थे। गुड्डू मुस्लिम भी लगातार रंगदारी मर्डर और लूट पाट की घटनाओं को अंजाम देता था। एक दिन श्री प्रकाश शुक्ला से गुड्डू मुस्लिम की मुलाकात हो गई। अभी तक गुड्डू मुस्लिम ने जरायम की दुनिया मे श्री प्रकाश शुक्ला का नाम ही सुना था कि एकाएक मुलाकात हो गई। फिर क्या था गुड्डू मुस्लिम ने श्री प्रकाश शुक्ला को अपना गुरु मान लिया था। जिसके बाद गुड्डू मुस्लिम को बड़ी घटनाओं में श्री प्रकाश शुक्ला के नाम का सहयोग मिलने लगा था। श्री प्रकाश शुक्ला के आतंक से परेशान आ चुकी यूपी पुलिस ने स्पेशल टास्क फोर्स का गठन करके गाजियाबाद में 1997 में हुई मुठभेड़ में मार गिराया था। जिसके बाद गुड्डू मुस्लिम को जुर्म की दुनिया ने एक नए आका की जरूरत थी। गोरखपुर के माफिया परवेज टाडा से मिलकर फिर अपना आपराधिक काम शुरू कर दिया परवेज टाडा से श्री प्रकाश शुक्ला ने गुड्डू मुस्लिम की मुलाकात कराई थी।

    2009 से गुड्डू मुस्लिम अतीक अहमद का खास बमबाज गुर्गा बन गया था

    लंबे समय तक परवेज टाटा के साथ काम करके गुड्डू मुस्लिम अपराध की दुनिया में अपना कद बड़ा करता चला गया। इसी बीच वर्ष 2009 में यूपी पुलिस और परवेज टाडा के बीच मुठभेड़ हुई जिसमें परवेज टाडा को पुलिस ने मार गिराया था। एक बार फिर से गुड्डू मुस्लिम को एक नए पनाह देने वाले की जरूरत थी उस समय अतीक अहमद उत्तर प्रदेश के छठे हुए माफियाओं में से एक था। 2009 में गुड्डू मुस्लिम ने अतीक अहमद से मिलकर उसके लिए काम शुरू कर दिया।अतीक के एक इशारे पर गुड्डू मुस्लिम किसी भी समय कुछ भी करने को तैयार रहता था।यही वजह रही कि अतीक का सबसे करीबी बन गया। कई वारदातों को लेकर गुड्डू मुस्लिम को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।जेल से छूटने के बाद अतीक के इशारे पर रंगदारी अपरहण जैसी वारदातों को अंजाम दिया।

    लखनऊ में रेलवे के टेंडर पूल में गुड्डू मुस्लिम का चलता था रसूख

    गुड्डू मुस्लिम की दहशत का आलम ये था कि गुड्डू मुस्लिम के एक फोन कॉल से ही रेलवे मोबाइल टावरों के टेंडर तुरंत दे दिए जाते थे। 1980 से 2000 के बीच लखनऊ में एक और बाहुबली एमएलसी अजीत सिंह का नाम चलता था। अजीत सिंह की अगर बात करें तो रेलवे में अजीत सिंह का सिक्का चलता था अजीत सिंह के गिरोह से मोर्चा लेने वाला उत्तर प्रदेश के अंदर दूसरा कोई गिरोह नहीं था। पूर्वांचल के बाहुबली माफिया उस समय रेलवे के टेंडरों में गुड्डू मुस्लिम का इस्तेमाल किया करते थे।

    बाइक पर चलते हुए बम बनाने में माहिर है गुड्डू मुस्लिम

    24 फरवरी को हुए उमेश पाल हत्याकांड में जिस तरीके से गुड्डू मुस्लिम झूले से बम निकालकर हमला कर रहा था। गुड्डू मुस्लिम का पसंदीदा हथियार खुद का बनाया हुआ बम है जो कुछ ही सेकंड में बनाकर तैयार कर लेता है कई वारदातों में भी गुड्डू मुस्लिम ने खुद के द्वारा बनाए गए बमों का इस्तेमाल किया था। महेश पाल हत्याकांड में एक के बाद एक दर्जनों बम गुड्डू मुस्लिम के द्वारा चलाए गए थे। उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में गुड्डू मुस्लिम का नाम सबसे पहले आता है।