भारतीय टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली ने काफी समय के बाद अपनी बात खुलकर रखी है, विराट कोहली की कप्तानी में कोई आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीतने पर जो आलोचनाएं हुई उसको लेकर उनका दर्द छलका है. उन्होंने कहा कि कुछ पंडित और फैंस ने मुझे विफल कप्तान कहा. हालांकि कोहली ने कहा कि कई ऐसे मौके आए हैं जब टीम को नॉकआउट तक पहुंचाया है. लेकिन कोई ट्रॉफी ना जीत पाने के कारण कई संशय भी पैदा हुए.
विराट कोहली ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि क्रिकेट को लेकर जो उनकी आलोचनाएं हुई हैं, उसको लेकर कभी मूल्याकंन नहीं किया. विराट की कप्तानी के दौरान टीम में जो सांस्कृतिक बदलाव आए हैं, उसको लेकर वो हमेशा अपने आपको गौरवांवित महसूस करते हैं.
कोहली ने आरसीबी के पोस्टकाड में कहा कि क्रिकेटर हमेशा जीतने के लिए खेलता है, मैंने साल 2017 की चैंपियंस ट्रॉफी और 2019 में विश्व कप के दौरान कप्तानी की है. साथ ही 2021 में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियन ट्रॉफी और 2021 के टी-20 विश्व कप में कप्तानी की है. तीन आईसीसी ट्रॉफी के बाद मुझे विफल कैप्टन के रूप में संबोधन किया जाने लगा. उन्होंने आगे कहा कि कोई भी टूर्नामेंट एक थोड़े समय के लिए होता है और सांस्कृतिक बदलाव लंबे समय के लिए होता है. जिससे हर क्रिकेटर प्रेरित होता है.
Virat kohli about his bond with MS Dhoni pic.twitter.com/dgusMWdeU3
— Swara (@SwaraMSDian) February 25, 2023
कई टूर्नामेंट जीतने से व्यक्ति खिलाड़ी की जरूरत होती है और उसके लिए टीम के बीच सांस्कृतिक बदलाव होना बहुत जरूरी होता है. मैच हार-जीत का प्रश्न हो सकता है, लेकिन पूरी टीम को एक साथ लाना बहुत जरूरी होता है.