दुनिया में अपने आप को सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बताने वाला अमेरिका दिवालिया होने की कगार पर है. अमेरिका के एक बड़े अखबार "वॉशिंगटन पोस्ट" ने यह दावा किया है. जिसमें कहा गया है कि अमेरिका का साल 2023 में कर्ज बढ़ कर करीब 31 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा हो चुका है. 31 ट्रिलियन भारतीय रुपए में करीब 2600 हजार लाख करोड़ रुपए बनता है. ये रकम भारत की पूरी अर्थव्यवस्था से करीब 30 गुना ज्यादा है.
मिली जानकारी के अनुसार अमेरिका सरकार को अर्थव्यवस्था चलाने के लिए कर्ज लेने की जरूरत है. सोमवार को अमेरिका की संसद में बाइडन सरकार ने अर्जी लगाई थी. जिसे संसद में ठुकरा दिया गया. प्रेसिडेंट जो बाइडेन अमेरिकी संसद के स्पीकर कैविन मैक्कार्थी से काफी देर बातचीत की, मगर कुछ हाथ नहीं लगा.
अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा है कि बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन के पास बचे दस दिनों में वह अपने प्रतिद्वंदी रिपब्लिकन पार्टी को मनाने की कोशिश करेंगे. क्योंकि उनके द्वारा कर्ज का समर्थन किया जाए तो, ही बाइडेन सरकार को आगे कर्ज मिल पाएगा. अगर किसी भी सूरत में ऐसा नहीं होता तो, अमेरिका दिवालिया हो सकता है.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक अमेरिका में बाइडन सरकार व उनकी प्रतिद्वंदी पार्टी के बीच चल रही तना-तनी का सीधा असर शेयर मार्केट पर पड़ रहा है. जिससे इन्वेस्टर्स को काफी नुकसान उठाना पढ़ रहा है. इंवेस्टर्स को कैश फ्लो कम होने से डर रहे हैं. वहीं, मीडिया के सामने आए बाइडेन ने कहा कि समय रहते सभी दिक्कतों का हल निकाला जाएगा.
अमेरिका टुडे द्वारा छापी गई एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के फाइनेंशल एक्सपर्ट बताते हैं कि मई आखिर या जून की शुरुआत में फाइनेंशियल सेटलमेंट हो जाएगा. जिससे अमेरिका की इकोनॉमी ट्रैक पर लौट आएगी.