Karnataka: विधानसभा अध्यक्ष बनने को लेकर नेताओं में घबराहट, मनहूसियत का सता रहा डर

    जानकारों का कहना है कि कर्नाटक में विधानसभा अध्यक्ष बनने वाले नेताओं को आने वाले चुनाव में जबरदस्त राजनीतिक झटका लगता है. उनका राजनीतिक करियर लगभग खत्म हो जाता है.

    Karnataka: विधानसभा अध्यक्ष बनने को लेकर नेताओं में घबराहट, मनहूसियत का सता रहा डर

    कर्नाटक में शनिवार को नई सरकार का गठन हो गया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया राज्य के नए मुख्यमंत्री बने हैं, जबकि डीके शिवकुमार को डिप्टी सीएम का पद दिया गया. अब बारी है स्पीकर के चुनाव की. कहा जा रहा है कि फिलहाल जिस नेता को कर्नाटक में विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है, वह इसे लेने से इनकार कर रहा है. सूत्रों का कहना है कि उन्हें स्पीकर की कुर्सी से जुड़ी मनहूसियत की चिंता सता रही है.

    क्या है पूरा मामला

    जानकारों का कहना है कि कर्नाटक में विधानसभा अध्यक्ष बनने वाले नेताओं को आने वाले चुनाव में जबरदस्त राजनीतिक झटका लगता है. उनका राजनीतिक करियर लगभग खत्म हो जाता है. उदाहरण के तौर पर पिछली भाजपा सरकार में विधानसभा अध्यक्ष रहे विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी भी चुनाव हार गए थे. उनकी हार ने पार्टी को झटका दिया और एक मजबूत नेता के रूप में उनकी ताकत पर सवाल खड़े कर दिए.

    विधानसभा अध्यक्षों को करियर में लगा है झटका 

    राजनीतिक जानकार बताते हैं कि 2004 से अब तक जो भी इस प्रतिष्ठित पद पर बैठा उसे अपने राजनीतिक करियर में जबरदस्त झटका लगा. केआर पेट सीट से कृष्णा जो एस.एम. कृष्णा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में वे 2004 में विधानसभा स्पीकर बने और जिसके बाद 2008 में हुए चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद 2013 में विधानसभा अध्यक्ष बने वरिष्ठ कांग्रेसी कागोडू थिम्मप्पा 2018 में चुनाव हार गए. पांच बार के विधायक रहे के.बी. कोलीवाड़ भी 2018 का आम चुनाव और 2019 का उपचुनाव भी हार गए.

    अध्यक्ष पद के लिए कोई तैयार नहीं!

    2018 में कांग्रेस-जेडीएस सरकार के कार्यकाल दौरान विधानसभा अध्यक्ष रहे रमेश कुमार 10 मई को हुए चुनाव में हार गए थे. ऐसे में अब कांग्रेस पार्टी के लिए वरिष्ठ नेताओं को इस पद के लिए मनाने में मुश्किल आ रही है. कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि डॉ. जी. परमेश्वर को अध्यक्ष पद की पेशकश की गई थी लेकिन उन्होंने सीधे प्रस्ताव को ठुकरा दिया. इसके बाद उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया. जानकारी के मुताबिक, करीब पांच नेताओं को इस पद के लिए प्रस्ताव मिला है, लेकिन पांचों में से किसी भी नेता को इस पद में दिलचस्पी नहीं है. कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि जिन नेताओं को पद की पेशकश की जा रही है, उनका कहना है कि वे अध्यक्ष बनने के बजाय विधायक बने रहना पसंद करेंगे.