Kerala Nipah Virus: दक्षिण भारत के अहम राज्य केरल में निपाह वायरस से दहशत की स्थिति है. यह अलग बात है कि केरल में पिछले दो दिन से निपाह वायरस का कोई नया मामला सामने नहीं आया है. अब तक निपाह वायरस के छह मामले मिले हैं, जिनमें दो लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अतिरिक्त हाई रिस्क वाले 42 सक्रमितों के सैंपल भेजे गए थे, अच्छी बात यह है कि सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई है.
पाया गया मलेशियाई और बांग्लादेशी स्ट्रेन
इस बीच सोमवार को केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज चौंकाने वाला बयान दिया है कि केरल के मरीजों में मलेशियाई और बांग्लादेशी स्ट्रेन पाया गया है. उन्होंने यह दावा करके लोगों की चिंता बढ़ा दी है कि देश के 9 राज्यों में निपाह वायरस हो सकता है, जिनमें केरल भी एक है.
चमगादड़ों से होता है निपाह वायरस
केरल की मंत्री के अनुसार, केरल में मिले वायरस की पहचान भारतीय जीनोटाइप या आई जीनोटाइप के रूप में की गई है. यह पड़ोसी देश बांग्लादेश में पाए जाने वाले स्ट्रेन के समान है. ऐसे में हमारे यहां निपाह वायरस के दो स्ट्रेन हैं, एक मलेशियाई और दूसरा बांग्लादेश से आया है. यह भी जानकारी सामने आई है कि निपाह वायरस चमगादड़ से फैलता है.
उधर, केरल सरकार द्वारा उपलब्ध ताजा जानकारी के अनुसार, निपाह वायरस से संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए 61 लोगों के जांच में संक्रमण नहीं पाया गया है. यह संक्रमण की दूसरी लहर है अथवा नहीं, इसकी पुष्टि नहीं हुई है.
गौरतलब है कि 15 सितंबर को केरल में निपाह वायरस का पहला मामला सामने आया था। इसके बाद कुल 6 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं, जिनमें से दो लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, 9 वर्षीय बच्चे की हालत में सुधार है। उसे गंभीर स्थिति में वेंटिलेटर पर रखा गया था, हालात में सुधार के बाद उसे हटा लिया गया है.
वहीं, स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के मुताबिक, निपाह वायरस को लेकर राज्य में स्थिति नियंत्रण में है। केरल में वर्तमान में हाई रिस्क वाले 352 मरीज हैं.