Chaitra Navratri 2023 : 9 दिनों तक चलने वाला चैत्र नवरात्रि का पर्व 22 मार्च 2023 से शुरू हो रहा है. कहा जाता है कि नौ दिनों तक मां धरती पर अपने भक्तों के बीच निवास करती हैं. नवरात्रि में जो सच्चे मन से देवी के नौ रूपों की पूजा करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. चैत्र नवरात्रि के शुभ मुहूर्त में मां दुर्गा की पूजा करने से विशेष फल मिलता है. तो आइए जानते हैं कब है शुभ मुहूर्त.
पुजा का अमृत काल सुबह 11:07 से 12:35 तक है.
विजय मुहूर्त जो मध्यान्ह पूजा के लिए है. वह दोपहर 02:47 से 03:35 तक है.
सायाह्न सन्ध्या मुहूर्त शाम 06:50 से 08:01 तक है.
इस बार नवरात्रि की शुरुआत शुक्ल योग में हो रही है. इसके बाद ब्रह्म योग शुरू हो जाएगा. ब्रह्म योग के बाद इंद्र योग भी लगेगा. इन योगों में देवी की पूजा अर्चना करना बेहद शुभकारी मानी जाती है.
शुक्ल योग सुबह 9 बजकर 18 मिनट तक है, वहीं ब्रह्म योग 9 बजकर 19 मिनट से अगले दिन सुबह 6 बजे तक रहेगा. जबकि इंद्र योग ब्रह्म योग के प्रारंभ हो जाएगी.
22 मार्च 2023 को सुबह 06 बजकर 29 मिनट से सुबह 07 बजकर 39 मिनट तकर कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त है. घटस्थापना के लिए साधक को 01.10 मिनट का समय मिलेगा. चैत्र नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना करने से 9 दिन की पूजा पुण्य फलदायी होती है.
नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करने से व्यक्ति को हर मुश्किल से मुक्ति मिलती है. पुराणों में कलश स्थापना को सुख-समृद्धि, वैभव, ऐश्वर्य और शुभ कामनाओं का प्रतीक माना गया है. मान्यता है कि कलश में सभी ग्रह, नक्षत्र, तीर्थ, त्रिदेव, नदियां, 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है. नवरात्रि के समय ब्रह्मांड में मौजूद शक्तियों का घट में आह्वान किया जाता है और उन्हें काम पर लगाया जाता है. इससे घर में सभी हानिकारक तरंगों का नाश होता है और घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है.