भाईचारे की मिसाल है यूपी का यह स्थान, एक ने बनवाया मंदिर तो दूसरे ने मस्जिद; पढ़ें 500 साल पुराना इतिहास

    Mandir-Masjid History: ये इतिहास 500 साल पुराना है जब दो भाइयों में से एक ने मंदिर तो दूसरे ने मस्जिद बनवाया था. चलिए जानते हैं, क्या है इसकी कहानी?

    भाईचारे की मिसाल है यूपी का यह स्थान, एक ने बनवाया मंदिर तो दूसरे ने मस्जिद; पढ़ें 500 साल पुराना इतिहास

    Mathura: उत्तरप्रदेश में हिंदू और मुस्लिम धर्म के बीच एकता की मिसाल देखने को मिलती है. ये कहानी है दो भाइयों कि, जिन्होंने इस मिसाल को कायम किया है. मथुरा के छाता जीटी रोड स्थित सब्जी मंडी  के पास बने मंदिर और मस्जिद की कहानी के चर्चा पिछले 500 साल से चली आ रही हैं. जी हां, ये इतिहास 500 साल पुराना है जब दो भाइयों में से एक ने मंदिर तो दूसरे ने मस्जिद बनवाया था. चलिए जानते हैं, क्या है इसकी कहानी

    कब हुआ था मस्जिद का निर्माण?

    जीटी रोड में बने  मस्जिद के प्रबंधक मोहम्मद इस्माइल से मिली जानकारी के मुताबिक,  ये नगर का एक मात्र मस्जिद है जो  वक्फ बोर्ड के अधीन आता है. उन्होंने बाताय कि, इस मस्जिद (Masjid) का निर्माण लगभग 335 वर्ष पूर्व (1107 हिजरी) में हुआ था, जिसे फतेह मोहम्मद ने बनवाया था. वहीं, पिछले 35 वर्षों से वे इस मस्जिद के प्रबंधक हैं और देख रेख करते हैं. 

    फतेह मोहम्मद पहले थे ठाकुर

    बताते चले कि, मस्जिद का निर्माण करने वाले फतेह मोहम्मद पहले फतेह सिंह ठाकुर के नाम से जाने जाते थे. उन्होंने मस्जिद बनवाया और उनके भाई जल सिंह ने ठीक उसके सामने मंदिर (Mathura Masjid-Mandir) बनवाया. मंदिर की बात करें तो इसमें श्री गंगाजी का विग्रह विद्यमान है. ये दोनों भाई औरंगजेब के शासन काल में शाही फौज में कार्य किया करते थे. इस दौरान छोटे भाई फतेह सिंह ने इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया. 

    क्या है 500 साल पुराना इतिहास?

    दोनों भाइयों ने अपनी-अपनी जमीनों पर ही आमने-सामने मस्जिद और मंदिर का निर्माण करवाया. दोनों उस जमाने में सबसे बड़े जमींदार परिवार के रहने वाले थे और दोनों में ही बेहद प्यार था. नगर में आज भी जीटी रोड में जो बाजार, पुरानी-नई तहसील, और आसपास की आबादी क्षेत्र इन भाइयों के ही प्राचीन मकान हुआ करते थे. वहां के लोग बताते हैं कि, वे बचपन से ही इन दोनों भाइयों की कहानी सुनकर बड़े हुए हैं और आज भी लोग इसकी बात करते रहते हैं.