AI कंटेंट पर Meta हुई सख्त- फेसबुक, इंस्टाग्राम समेत प्लेटफॉर्म पर वीडियो, ऑडियो, फोटो पर लगाएगी 'Made with AI' लेबल

    मेटा ने कहा है, "हम ओवरसाइट बोर्ड के फीडबैक, पब्लिक ओपिनियन और विशेषज्ञ के सलाहों से अपनी पॉलिसी को रिव्यू कर हेरफेर (मैन्युपुलेटेड) किए गए मीडिया को हैंडल करने के तरीके में बदलाव कर रहे हैं."

    AI कंटेंट पर Meta हुई सख्त- फेसबुक, इंस्टाग्राम समेत प्लेटफॉर्म पर वीडियो, ऑडियो, फोटो पर लगाएगी 'Made with AI' लेबल

    कैलिफोर्निया (अमेरिका) : मेटा कंपनी हेरफेर या मैन्युपुलेट करने वाले मीडिया कंटेंट से निपटने के लिए मई में फेसबुक और इंस्टाग्राम समेत अपने प्लेटफार्मों पर वीडियो, ऑडियो और फोटो सामग्री को बड़े स्तर पर 'Made with AI' एक सीरीज के तौर मई से लेबल करना शुरू कर देगी, कंपनी ने एक आधिकारिक बयान में ये जानकारी दी है.

    मेटा ये नई पॉलिसी उसके अपने इंडिपेंडेंट 'ओवरसाइट बोर्ड' के फीडबैक के बाद ला रही है, जिसने मौजूद पॉलिसी को अपडेट करने का आग्रह किया था.

    मेटा ने कहा है, "हम ओवरसाइट बोर्ड के फीडबैक, पब्लिक ओपिनियन और विशेषज्ञ के सलाहों से अपनी पॉलिसी के रिव्यू के आधार पर हेरफेर (मैन्युपुलेटेड) किए गए मीडिया को हैंडल करने के तरीके में बदलाव कर रहे हैं."

    जब भी कोई यूजर सामग्री पोस्ट करेगा तो फैक्ट-चेकर्स की सलाह के जरिए या मेटा के जरिए एआई से बनी सामग्री के अदृश्य (इनविजिवल) मार्करों का पता लगाकर, सेल्फ-डिस्क्लोजर करके लेबल्स जनरेट किए जाएंगे.

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    मेटा ने कहा- लोग AI से ऐसा कंटेंट बना रहे हैं, जो कि हकीकत में वैसा नहीं है

    इसमें कहा गया है, "जब हम इंडस्ट्री स्टैंडर्ड AI इमेज इंडिकेटर्स का पता लगाएंगे या जब लोग खुलासा करेंगे कि वे एआई से सामग्री अपलोड कर रहे हैं, तो हम वीडियो, ऑडियो और फोटो के इस कंटेंट को "Made with AI" की एक बड़ी सीरीज के तौर लेबल करना शुरू कर देंगे."

    मेटा ने ऑडियो और फोटो जैसी सामग्री बनाने के लिए रियलिस्टिक एआई-जनरेटेड टूल के इस्तेमाल और वर्तमान में इसके विकास को भी रेखांकित किया है.

    इसमें कहा गया है, "पिछले 4 सालों में, और विशेष रूप से पिछले साल में, लोगों ने ऑडियो और फोटो जैसी कई अन्य तरह की रियलिस्टिक सामग्री एआई से तैयार की, और यह तकनीक तेजी से विकसित हो रही है. जैसा कि बोर्ड ने कहा, हेर-फेर की एड्रेस करना या उस पर ध्यान देना भी उतना ही महत्वपूर्ण है, जिसके जरिए दिखाया जाता है कोई शख्स कुछ ऐसा कर रहा है, जो उसने वाकई में नहीं किया है.''

    चुनाव से पहले डीपफेक की चिंता बढ़ी, वोटर्स को किया जा सकता है भ्रमित

    नए एआई वीडियो टूल ने चुनाव से पहले डीपफेक की चिंता बढ़ा दी है. विशेषज्ञों को चिंता है कि दुर्भावना से काम करने वाले लोग चुनावी साल में वोटर्स को भ्रमित करने और गुमराह करने के लिए एआई टूल का इस्तेमाल कर सकते हैं. OpenAI ने अपने नए टेक्स्ट-टू-वीडियो टूल, सोरा (Sora) का अनावरण करने के लिए जो वीडियो जारी किया है, उस पर विश्वास जताने के लिए इसे अभी देखना होगा.

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    बिल गेट्स से मोदी की बातचीत में AI कंटेंट पर वॉटरमार्क करने की बात हुई

    पिछले महीने की शुरुआत में, माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक, बिल गेट्स के साथ एक साफ बातचीत में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एआई द्वारा पैदा हुई चुनौतियों को एड्रेस किया और यूजर्स को जागरूक बनाने व गलत सूचना को रोकने के लिए एआई से तैयार सामग्री पर वॉटरमार्क के इस्तेमाल के महत्व को रेखांकित किया.

    पीएम ने कहा, "एआई द्वारा पेश हुईं चुनौतियों पर ध्यान देते हुए, मैंने देखा है कि उचित ट्रेनिंग के बिना, जब ऐसी तावकतर तकनीक को अकुशल हाथों में दिया जाता है तो इसका गलत इस्तेमाल एक बड़ा जोखिम होता है. मैंने एआई के अग्रणी (जाने-माने) दिमाग वाले लोगों के साथ काम किया, मैंने सुझाव दिया है कि हमें एआई से तैयार की गई गलत सूचना को रोकने के लिए, स्पष्ट वॉटरमार्क की शुरुआत करनी चाहिए. यह एआई क्रिएशंस (कमाल) को कमतर करने के लिए नहीं, बल्कि उन्हें पहचानने के लिए है, कि वे हैं क्या."

    उन्होंने कहा, "डेटा की सुरक्षा सबसे बड़ी चिंता बनी हुई है और जबकि भारत में एक कानूनी ढांचा मौजूद है. उदाहरण के लिए, मैंने लागत कम करने और कई जरूरतों को कुशलता के साथ पूरा करने के लिए सभी विश्वविद्यालय प्रमाणपत्रों को क्लाउड में संग्रहित करना शुरू कर दिया है. पहले तो कड़े अनुपालन की आवश्यकताओं पर जोर दिया गया था. मैंने सरलीकरण की वकालत करते हुए सुझाव दिया कि डेटा को साझा की आईडी (Shared IDs) के साथ क्लाउड पर अपलोड किया जाए, जिससे हमें जरूरी जानकारी सीधे मिल सके. यह नजरिया न केवल सेवाओं को बढ़ाने के लिए, बल्कि हमारे नागरिकों के जीवन की आसानी में उल्लेखनीय सुधार लाने के लिए, प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की मेरी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है."

    बिल गेट्स बोले- AI चौकाएगा कि यह कितना अच्छा है और कितना खराब भी है  

    बिल गेट्स ने कहा, "अभी लोग एआई के शुरुआती दिन में हैं और मुझे लगता है कि हर कोई इसका इस्तेमाल करता है. आप ठीक उसी दिन, आश्चर्यचकित होंगे कि यह कितना अच्छा है, और आप इस पर भी आश्चर्यचकित होंगे कि यह कितना खराब है. यह उन चीजों को कर देगा, जिन्हें आप कठिन मानते हैं, और फिर यह कुछ चीजें करने में नाकाम होगा, जिन्हें आप आसान समझते हैं. मैंने यहां हैदराबाद में अपनी यात्रा शुरू की है, जो एक अच्छा अवसर था, क्योंकि माइक्रोसॉफ्ट इस देश में 25 साल का जश्न मना रहा है, और यह बहुत शानदार अनुभव रहा है.''

    गेट्स ने कहा, "तो मैं निश्चित रूप से वहां टीम को चुनौती दे रहा था. हे (Hey), हमें सटीकता या एक्युरेसी को बेहतर बनाना होगा. और अभी के लिए, यह एक कोपायलट की तरह है. यह चीजों का सुझावा देने में मदद करता है. लेकिन उस दवा या उस पत्र, अंतिम फैसले के बारे में जो आप लिखना चाहते हैं, इसको लेकर हमें अभी भी समीक्षा करनी है, अभी ये भले ही हमें थोड़ा ज्यादा क्रिएटिव और थोड़ा ज्यादा प्रोडक्टिव बना सकता है. आप जानते हैं, ऐसा लगता है कि एआई एक बहुत बड़ा अवसर है, लेकिन इसके साथ कुछ चुनौतियां भी आती हैं".

    वर्तमान में "हेरफेर वाला या मैनुपुलेटेडि मीडिया" के नियम केवल "ऐसे वीडियो पर लागू होते हैं जो एआई द्वारा बनाए या बदले जाते हैं, ताकि कोई व्यक्ति कुछ ऐसा कहता दिखे, जो उसने नहीं कहा है." फरवरी से, कंपनी ने मेटा एआई (Meta AI) फीचर के साथ बनाई गई फोटोरियलिस्टिक तस्वीरों में "इमेजिन्ड विद एआई" लेबल जोड़ना शुरू कर दिया है.

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