× होम भारत राज्य खेल एंटरटेनमेंट लाइफस्टाइल क्राइम विजुअल स्टोरीज टेक ज्ञान धर्म दुनिया
नारी शक्ति वंदन एक्ट बिल लोकसभा में पेश, फिलहाल संसद में 82 महिला सांसद, कानून बनने के बाद होंगी 181
पीएम ने कहा कि 'जो होता है वह हमारी भावनाओं के अनुसार होता है. यद् भावम् तद् भवति...! मेरा मानना है कि भीतर जैसी भावना होगी, हम भी भीतर से वैसे ही बन जायेंगे. इमारत बदल गई है, एहसास भी बदलना चाहिए, एहसास भी बदलना चाहिए.

आज गणेश चतुर्थी के दिन नए संसद भवन में पहला दिन है. पीएम नरेंद्र मोदी समेत सभी सांसद पैदल ही पुरानी बिल्डिंग तक पहुंचे. दोपहर 1.15 बजे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कार्यवाही शुरू की. पीएम नरेंद्र मोदी ने नए भवन में अपने पहले संबोधन में महिला आरक्षण बिल लाने की बात कही. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आज महिला आरक्षण बिल लाएगी. इसका नाम नारी शक्ति वंदन अधिनियम होगा. अपने 25 मिनट के भाषण में मोदी 10 मिनट तक महिलाओं के मुद्दों पर बोले.

पेश के तरीके पर हंगामा

महिला आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस ने श्रेय लेने की कोशिश की. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के बयान पर हंगामा मच गया. इसके कुछ देर बाद 2:12 बजे कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने बिल पेश किया. विपक्षी सांसदों ने बिल की कॉपी को लेकर हंगामा किया. उन्होंने कहा कि उन्हें बिल की कॉपी नहीं मिली है. सरकार ने कहा कि बिल अपलोड कर दिया गया है.

PM ने कहा- इमारत बदली है, भावना भी बदलनी चाहिए; पीएम के भाषण की बड़ी बातें

कौन कहां बैठेगा, आचरण तय करेगा : मोदी ने कहा, चुनाव अभी दूर है और हमारे पास जितना समय बचा है. मेरा मानना है कि जो यहां कैसा व्यवहार करेगा, उससे तय होगा कि कौन यहां बैठेगा और कौन वहां बैठेगा. आने वाले समय में देश फर्क देखेगा कि जो वहां बैठना चाहता है उसका आचरण कैसा होगा.

जो हम महसूस करते हैं वही होता है- PM Modi  

'जो होता है वह हमारी भावनाओं के अनुसार होता है. यद् भावम् तद् भवति...! मेरा मानना है कि भीतर जैसी भावना होगी, हम भी भीतर से वैसे ही बन जायेंगे. इमारत बदल गई है, एहसास भी बदलना चाहिए, एहसास भी बदलना चाहिए. संसद राष्ट्र सेवा का स्थान है. यह पार्टी हित के लिए नहीं है.

इतिहास में अमरत्व प्राप्त कर लेगी आज की तारीख 

कल ही कैबिनेट में महिला आरक्षण बिल को मंजूरी मिल गई है. इसीलिए 19 सितम्बर की यह तारीख इतिहास में अमरत्व प्राप्त करने वाली है. आज महिलाएं हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही हैं, नेतृत्व कर रही हैं, इसलिए ये बहुत जरूरी है कि हमारी माताएं-बहनें, हमारी नारी शक्ति, नीति निर्माण में अपना अधिकतम योगदान दें। न सिर्फ योगदान दें, बल्कि अहम भूमिका भी निभाएं. आज इस ऐतिहासिक अवसर पर, नए संसद भवन में सदन की पहली कार्यवाही के अवसर पर, देश के इस नए बदलाव का आह्वान किया गया है.

नारी शक्ति वंदन अधिनियम

हम इस महत्वपूर्ण निर्णय से शुरुआत करने जा रहे हैं कि सभी सांसद एक साथ आएं और देश की महिला शक्ति के लिए नए प्रवेश द्वार खोलें. महिला नेतृत्व वाले विकास के संकल्प को आगे बढ़ाते हुए हमारी सरकार एक बड़ा संवैधानिक संशोधन विधेयक पेश कर रही है. इसका उद्देश्य लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं की भागीदारी का विस्तार करना है. इस नारी शक्ति वंदन कानून से हमारा लोकतंत्र मजबूत होगा. मैं देश की माताओं, बहनों और बेटियों को नारी शक्ति वंदन कानून के लिए बधाई देता हूं. मैं सभी माताओं, बहनों और बेटियों को विश्वास दिलाता हूं कि हम इस बिल को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

बिल पर बहस और चर्चा

महिला आरक्षण को लेकर कई वर्षों से चर्चा होती रही है. कई बहसें हो चुकी हैं. महिला आरक्षण को लेकर संसद में पहले ही कुछ प्रयास किये जा चुके हैं. इससे संबंधित विधेयक पहली बार 1996 में पेश किया गया था. अटल जी के कार्यकाल में कई बार महिला आरक्षण विधेयक पेश किया गया, लेकिन वह इसे पारित करने के लिए आंकड़े नहीं जुटा सके और इसी कारण वह सपना अधूरा रह गया। शायद भगवान ने मुझे महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें शक्ति देने जैसे पवित्र कार्यों के लिए चुना है.' एक बार फिर हमारी सरकार ने इस दिशा में कदम उठाया है.

Advertisment
सम्बंधित ख़बरें
Copyright © 2022-23 . Bharat24 All rights reserved