Netra Jyoti Abhiyan: गुजरात ने 'राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान' के अंतर्गत साल 2022-23 में मोतियाबिंद ऑपरेशन कर देश में पहला स्थान हासिल किया है. प्रधानमंत्री मोदी ने इसके लिए 1,26,300 ऑपरेशन आवंटित करने का लक्ष्य रखा था, जिसमें 504%, यानी 6,36,428 ऑपरेशन किए गए. इतना ही नहीं, प्रति 10 लाख की आबादी पर 10,000 से ज्यादा मोतियाबिंद ऑपरेशन करके गुजरात इस श्रेणी में भी राज्य में सबसे आगे है.
राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान की शुरुआत
प्रेस नोट के अनुसार, केंद्र सरकार ने साल 2022 में राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान की शुरुआत की थी. इसी के साथ लक्ष्य रखा गया था कि 3 साल के अंदर यानी 2025 तक देश में अंधेपन की दर को 0.25% तक कम किया जाएगा. केंद्र सरकार ने इस पहल के तहत 50 साल से अधिक उम्र के लोग जो मोतियाबिंद के कारण अंधे या जिन्हें देखने में दिक्कत होती है उनका ऑपरेशन्स फ्री में किया जाता है.
गुजरात ने उठाया बड़ा कदम
जब पीएम ने साल 2022 में 'राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान' (Netra Jyoti Abhiyan) की शुरूआत कि तो गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल (CM Bhupendra Patel) ने भी राज्य में इसकी शुरूआत कर दी. गुजरात ने साल 2023-24 के लिए राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान के तहत 1,51,700 मोतियाबिंद ऑपरेशन्स का लक्ष्य रखा है. ऐसे में गुजरात ने अब तक 81% से अधिक यानी 1,23,975 मोतियाबिंद ऑपरेशन्स पूरे भी कर लिए हैं.
गुजरात सरकार की डेडिकेटेड वेबसाइट
गुजरात सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने इस अभियान के लिए एक डेडिकेटेड वेबसाइट cataractblindfree.gujarat.gov.in को भी शुरू किया है. सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा संचालित इस वेबसाइट में रोगियों को प्राथमिक पंजीकरण, रेफरल सेवा, ऑपरेशन सेवा और अनुवर्ती सेवा संबंधित सेवाओं की पूरी जानकारी दी जाती है. राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान के तहत राज्य के सभी 33 जिलों और 8 नगर निगम क्षेत्रों को शामिल किया गया है.
चार प्रमुख चरणों में संपादित
गुजरात के इस महत्वपूर्ण अभियान को राज्य सरकार का स्वास्थ्य विभाग चार प्रमुख चरणों में संपादित करता है. इसमें पहला चरण- 30 साल से अधिक आयु के लोगों का आंखों का सर्वेक्षण है, दूसरा चरण- दृष्टि बाधित रोगियों का पंजीकरण, तीसरा- रोगियों का ऑपरेशन है और वहीं चौथा- अनुवर्ती कार्रवाई है. गुजरात में 30 साल से अधिक आयु के लोगों की आंखों की जांच फील्ड स्टाफ के माध्यम से 'ई-कार्ड' के द्वारा की जाती है. इसके लिए राज्य की लगभग 50 हजार ASHA कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित भी किया गया है.
फ्री हाइड्रोफोबिक इंट्राओकुलर लेंस
मोतियाबिंद सर्जरी की जरूरत वाले सभी मरीजों को हाइड्रोफोबिक लेंस (Hydrophobic Lens) फ्री में दिया जाता है. जानकारी के लिए बता दें कि, मोतियाबिंद के लिए हाइड्रोफोबिक लेंस आमतौर पर सबसे अच्छा विकल्प होता है. यह एक प्रकार का इंट्राओकुलर लेंस है जो पोस्टऑपरेटिव जटिलताओं के जोखिम को कम करने में मदद करता है, जैसे कि पोस्ट कैप्सूल ओपसीफिकेशन. गुजरात में यह उपलब्धि न केवल आंकड़ों के नजरिए से बड़ी सिद्धि है बल्कि मानवीय संवेदनशीलता के विचार से भी प्रशंसनीय है.