नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी और पंजाब पुलिस अब आमने सामने आ गए हैं. बीते दिन एनआईए द्वारा यूएई से गिरफ्तार किए गए कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंग के एक एक्टिव मेंबर विक्रम बराड़ के मामले में खुलासा किया था कि विक्रम बराड़ ने मूसे वाला मर्डर केस में अहम भूमिका निभाई थी.
मगर इसे लेकर पंजाब पुलिस में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी द्वारा जारी किए गए बयान का खंडन किया है. जिसमें पंजाब पुलिस ने कहा है कि सिद्धू मर्डर केस में गैंगस्टर विक्रम बराड़ का कोई हाथ नहीं है, ना ही विक्रम का नाम चार्जशीट में है और ना ही एफआईआर में है.
मूसेवाला मर्डर केस का अहम मोहरा था विक्रम- एनआईए
बुधवार को यूएसए गिरफ्तार किए गए कुख्यात गैंगस्टर विक्रम बराड़ की गिरफ्तारी को लेकर नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने अहम खुलासा किया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि पंजाबी गायक मूसेवाला की हत्या में विक्रम बराड़ का अहम रोल था. विक्रम ब्रॉड ने मूसेवाला मर्डर केस में कई लॉजिस्टिक सपोर्ट मुहैया करवाए. विक्रम बराड़ लॉरेंस व गोल्डी बराड़ की आपस में बातचीत करवाता था. यही नहीं, लॉरेंस के गुर्गों के जरिए पूरे भारत से फिरौती की रकम भी इकट्ठी करवाता था और उन पैसों को विदेशों में ट्रांसफर करवाता था.
प्रोडक्शन वारंट पर नहीं लाया जाएगा विक्रम- पंजाब पुलिस
पंजाब के मानसा में तैनात एसपी डिटेक्टिव वीके सिंगला ने एक न्यूज़ एजेंसी से बातचीत में कहा कि सिद्दू मूसेवाला मर्डर केस में पंजाब पुलिस विक्रम को प्रोडक्शन वारंट पर नहीं लाएगी. क्योंकि मूसेवाला मर्डर केस की इन्वेस्टिगेशन में विक्रम बराड़ का नाम नहीं सामने आया था. ना ही उसका नाम एफआईआर में है.
साथ ही साथ कोर्ट में दायर की गई चार्जशीट में भी विक्रम का कोई जिक्र नहीं है. इन्वेस्टिगेशन में कोई ऐसा तथ्य भी नहीं मिला, जिससे विक्रम बराड़ को सिद्दू मूसेवाला मर्डर केस में लिप्त माना जाए. विक्रम की केस में सीधी भूमिका नहीं सामने आई है. जिसके चलते उसे केस में नामजद नहीं किया गया है.