'हे महाकाल!Jyotiraditya Scindia कांग्रेस में दोबारा ना पैदा हों', Digvijay Singh के बयान पर केंद्रीय मंत्री का पलटवार

    मध्य प्रदेश में चुनावी सरगर्मी चरम पर है। नेताओं की जुबानी जंग तेज हो गई है। सत्ता की भूख और वोट बटोरने की राजनीति ने नेताओं को तीखे हमले करने पर मजबूर कर दिया है।

    मध्य प्रदेश में चुनावी सरगर्मी चरम पर है। नेताओं की जुबानी जंग तेज हो गई है। सत्ता की भूख और वोट बटोरने की राजनीति ने नेताओं को तीखे हमले करने पर मजबूर कर दिया है। इसी क्रम में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमला बोला है. वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी अपने ऊपर हुए जुबानी हमलों का जवाब देने में देर नहीं लगाई।

    'राजा-महाराजा बिक गए' 

    दरअसल, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमला बोलते हुए कहा कि 'हे महाकाल, कांग्रेस में कोई और ज्योतिरादित्य सिंधिया पैदा न हो.' कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि जब कांग्रेस की सरकार गिराई गई तो राजा महाराजा बीजेपी के हाथों बिक गए.

    मध्य प्रदेश के बँटाधार, देश में पैदा ना हों

    पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता के इस बयान पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर पलटवार किया है. केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि 'हे प्रभु महाकाल, कृपया दिग्विजय सिंह जी जैसे भारत-विरोधी और मध्य प्रदेश के बँटाधार, देश में पैदा ना हों।'

    कर्जमाफी पर भी उठाए सवाल 

    कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि बड़े जमींदार, राजा-महाराजा बिक गए। लेकिन न गरीब विधायक बिका, न दलित आदिवासी विधायक बिका। उन्होंने आगे कहा कि मैं ज्योतिरादित्य सिंधिया से पूछना चाहता हूं कि उस दौरान आप हमसे नाराज होकर गए और कहा कि वादे पूरे नहीं हो रहे हैं. लेकिन जाने के एक हफ्ते पहले आपने कांग्रेस द्वारा की गई कर्जमाफी के सर्टिफिकेट बांटे या नहीं? आज जब आप बीजेपी में हैं तो कर्जमाफी की बात क्यों नहीं कर रहे हैं. आप आज अतिथि शिक्षकों के हक की बात क्यों नहीं कर रहे जबकि आप कहते थे कि इसके लिए मैं सड़कों पर उतरूंगा.

    बीजेपी पर भी साधा जमकर निशाना 

    वहीं, चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी सत्तारूढ़ बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. कांग्रेस नेता ने कहा कि 'जिस सरकार को बीजेपी ने सैकड़ों करोड़ में खरीदा, क्या फैसले लिए, कर्जमाफी योजना को खत्म किया. 1 रुपये प्रति यूनिट बिजली चार्ज किया जाता था, इसे बढ़ाया गया। गौशाला और गायों के चारे को लेकर जो नियम लाए गए थे, उसमें बदलाव लाकर भाजपा जनता से किए गए वादे से मुकर गई।'