नई दिल्ली : प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वैश्विक कल्याण के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया और कहा कि भारत न केवल दुनिया की सबसे पुरानी जीवित सभ्यता है, बल्कि मानवता के लिए एक सुरक्षित स्वर्ग भी है. देश अकेले अपने लिए नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए सोचता है.
भारत मानवता के लिए एक सुरक्षित आश्रय स्थल है
राष्ट्रीय राजधानी के भारत मंडपम में 2550वें भगवान महावीर निर्वाण महोत्सव को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "भारत न केवल दुनिया की सबसे पुरानी जीवित सभ्यता है, बल्कि मानवता के लिए एक सुरक्षित आश्रय स्थल भी है." प्रधानमंत्री ने कहा, "ये भारत है जो अहम् नहीं वयं की सोचता है."
केवल अपने लिए नहीं संपूर्ण के लिए सोचता है- पीएम
"यह भारत है जो अपने लिए नहीं बल्कि संपूर्ण के लिए सोचता है... यह अहंकार के बारे में नहीं बल्कि भ्रम के बारे में सोचता है. यह सीमा में नहीं, अनंत में विश्वास करता है. भारत नीति और नियति के बारे में बात करता है. यह भगवान के बारे में बात करता है. वैश्विक मंच पर भारत की उभरती भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, पीएम मोदी ने इस नई जिम्मेदारी का श्रेय भारत की बढ़ती क्षमताओं और परिष्कृत विदेश नीति रणनीतियों को दिया.
हमारी सांस्कृतिक छवी ने दिया योगदान
"आज संघर्ष में फंसी दुनिया भारत से शांति की उम्मीद कर रही है। भारत की इस नई भूमिका का श्रेय हमारी बढ़ती क्षमता और विदेश नीति को दिया जा रहा है. लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं, हमारी सांस्कृतिक छवि ने इसमें बड़ा योगदान दिया है." आज भारत इस भूमिका में आया है क्योंकि हम वैश्विक मंचों पर पूरे विश्वास के साथ सत्य और अहिंसा को सामने रखते हैं. हम दुनिया को बताते हैं कि वैश्विक संकटों और संघर्षों का समाधान भारत की प्राचीन संस्कृति और परंपरा में है विरोध में विभाजित दुनिया में विश्व मित्र के रूप में अपनी जगह बना रहा है.”
हमने खुद में सुधार करके कमियों पर काबू पाया है
"हम कभी भी दूसरे देशों पर हमला करके उन्हें जीतने नहीं आए; हमने खुद में सुधार करके अपनी कमियों पर काबू पाया है. यही कारण है कि कठिन समय आया है और हर युग में कोई न कोई ऋषि हमारा मार्गदर्शन करने के लिए अवतरित हुआ है. कई महान सभ्यताएं समाप्त हो गईं, लेकिन भारत अपना रास्ता खोज लिया,'' उन्होंने समाज में 'अस्तेय' (चोरी न करना) और 'अहिंसा' (अहिंसा) के मूल्यों को मजबूत करने के महत्व पर भी जोर दिया है.
अहिंसा की भावना को मजबूत करने का काम करना चाहिए
"हमें अपने समाज में 'अस्तेय' और 'अहिंसा' की भावना को मजबूत करने के लिए काम करना चाहिए. मुझे यकीन है कि आपका समर्थन भारत की विकास यात्रा के संकल्प को पहले से कहीं अधिक मजबूत बना देगा. 'यही समय है, सही समय है'.". प्रधानमंत्री ने महावीर जयंती के अवसर पर अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा, "चुनाव की हलचल के दौरान इस तरह के कार्यक्रम का हिस्सा बनना आरामदायक है." इस दौरान पीएम ने आपको बता दें कि भारत मंडपम में महावीर जयंती के अवसर पर 2550वें भगवान महावीर निर्वाण महोत्सव के उद्घाटन पर एक स्मारक टिकट और सिक्का भी जारी किया.