Mulayam Singh Yadav Padma Vibhushan: यूपी सहित देश की राजनीति में अपनी धाक जमाने वाले एक साधारण किसान से राष्ट्रीय नेता बने मुलायम सिंह यादव ने बीते अक्टूबर में इस दुनिया को अलविदा कह दिया था. धरतीपुत्र के रूप में जाने जाने वाले मुलायम सिंह यादव को मरणोपरांत 'भारत रत्न' देने की मांग पहले से ही उठती आई हैं, तो वहीं अब जब उन्हें दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मान दिया जा रहा हैं तो हर तरफ नाराज़गी ही दिखाई पड़ रही हैं.
दरअसल, हाल ही में 'पद्म' पुरस्कार से सम्मानित होने वाले लोगों की सूची में सपा के संस्थापक और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का नाम भी शामिल था. दरअसल, उनको 'पद्म विभूषण' से सम्मानित करने का ऐलान किया गया हैं.
दरअसल, जब से इस बात का ऐलान हुआ हैं तब से तमाम खेमों में नाराज़गी हैं. गौर करने वाली बात ये हैं कि खुद समाजवादी पार्टी के खेमे में नाराज़गी हैं. दरअसल, सपा का मानना है कि नेताजी का व्यक्तित्व बेहद ही प्रभावशाली और उम्दा था, इसलिए उन्हें दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से नहीं बल्कि पहले सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार यानी पद्म विभूषण से नहीं बल्कि भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए।
भारत सरकार ने नेताजी श्री मुलायम सिंह यादव को मरणोपरांत पद्म विभूषण पुरस्कार देकर, नेताजी के व्यक्तित्व, कृतित्व एवं राष्ट्र के प्रति किये गये योगदान का उपहास उड़ाया है। यदि नेताजी को सम्मान देना ही था तो भारत रत्न के सम्मान से सम्मानित करना चाहिए था।
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) January 26, 2023
वहीं, दूसरी ओर अखिल भारतीय हिन्दू महासभा ने मुलायम सिंह को पद्म विभूषण मिलने पर विरोध जताया हैं. हिंन्दू महासभा का कहना है कि मुलायम सिंह ने रामभक्तों पर गोलियां चलवाई, आतंकियों को रिहा कराए, हज हाउस बनवाये इसलिए मुलायम सिंह यादव को पदम् विभूषण भी नहीं मिलना चाहिए।