सुप्रीम कोर्ट की संविधानिक पीठ आज उद्धव ठाकरे व एकनाथ शिंदे विवाद पर फैसला सुना दिया है. जिसमें उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की सरकार बनी रहेगी. वहीं, उनके समर्थन में आए 15 विधायकों का शिवसेना से अलग होना सही था या इसकी अनुमति कानून नहीं देता. इस फैसले में शिंदे गुट के विधायकों की विधायकी रहेगी यां रद होगी, इस पर फैसला आना बाकी है. बता दें कि उद्धव गुट को यह बड़ा झटका है. सुबह से ही इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी.
वहीं, अगर फैसला शिंदे गुट के पक्ष में नहीं आता तो, एकनाथ शिंदे को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ सकता था. मगर कोर्ट ने कहा कि एकनाथ शिंदे ही सीएम रहेंगे. बता दें कि 1 दिन पहले ही महाराष्ट्र के बीजेपी चीफ चंद्रशेखर बावनकुले बयान दिया था कि उनके पास करीब 184 विधायकों का समर्थन है. जरूरत पड़ने पर वह विधानसभा में बहुमत साबित करेंगे. शिंदे ने पिछले साल 30 जून को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.
मिली जानकारी के अनुसार जब शिंदे द्वारा 30 जून को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली गई तो, मामले में उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसके बाद मामला 5 जजों की कॉन्स्टिट्यूशनल को ट्रांसफर कर दिया गया था. बैच में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा हैं.
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि स्पीकर को अयोग्यता याचिकाओं पर उचित समय के भीतर फैसला करना चाहिए।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 11, 2023
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि यथास्थिति बहाल नहीं की जा सकती क्योंकि उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट का सामना नहीं किया और अपना इस्तीफा दे दिया। https://t.co/n4xQOqDLps
सुप्रीम कोर्ट द्वारा 16 मार्च को सुनवाई में कहा गया था कि कोर्ट उद्धव सरकार की बहाली कैसे कर सकती है. क्योंकि उद्धव पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं. मामले में पहले फ्लोर टैस्ट होना चाहिए था. याचिका में उद्धव के वकील ने साल 2016 में अरुणाचल प्रदेश में हुए फेरबदल का हवाला देते हुए सरकार बहाल करने की मांग की थी.
मिली जानकारी के अनुसार 23 अगस्त, 2022 को, तत्कालीन CJI एनवी रमना की देखरेख वाली बैच ने दोनों गुलों के बीच चल रही विवाद पर कानून से कई तथ्य तैयार किए और उसे पांच जजों के बैच को भेज दिया था.
मामले में महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के पक्ष से वरिष्ठ वकील नीरज किशन कौल, हरीश साल्वे, महेश जेठमलानी और अभिकल्प प्रताप सिंह अपनी दलीलें पेश कर रहे हैं. वहीं, उद्धव गुट कि ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी, देवदत्त कामत और अधिवक्ता अमित आनंद तिवारी अपना पक्ष रख रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य रूप से 16 विधायकों पर टिप्पणी की. जिसमें कोर्ट ने कहा कि 16 विधायकों की सदस्यता पर विधानसभा अध्यक्ष खुद फैसला लें.