EVM-VVPAT case:
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए VVPAT यानी वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रोल मामले में दर्ज सभी याचिकांओँ को खारिज किया है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला EVM द्वारा डाले गए वोट की जांच करने के मामले में सुनाया है.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दर्ज सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है. साथ ही चुनाव आयोग को एक सुझाव भी दिया है. कोर्ट की ओर से दिए गए सुझाव में VVPAT में QR कोड का इस्तेमाल करने की सलाह चुनाव आयोग को दी गई है.उन्होंने कहा कि इसके जरिए वोटर्स को यह जानने में आसानी होगी कि आखिर उन्होंने वोट जिस व्यक्ति को दिया है क्या उस व्यक्ति के खाते में वोट गया है या फिर नहीं.
#BreakingNews|CR| EVM-VVPAT पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
— Bharat 24 - Vision Of New India (@Bharat24Liv) April 26, 2024
VVPAT वेरिफिकेशन मामले में सभी मांग खारिज
बैलेट पेपर से चुनाव की मांग भी खारिज
SC का VVPAT पर्ची पर बारकोड का सुझाव
कंट्रोल यूनिट पूरी तरह से चेक करने का निर्देश
सिंबल लोडिंग यूनिट सील की जाएं- SC
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कई संगठनों ने की थी मांग
इस मामले में दरअसल कई संगठनो द्वारा सुप्रीम कोर्ट में EVM और VVPAT की पर्चियों के प्रतिशत को मिलाने की मांग की थी. कोर्ट में इस मामले में पहले भी सुनवाई हो चुकी है. जहां न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था. न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता भी इस पीठ में शामिल थे. इससे पहले अदालत ने बुधवार को ईवीएम के कामकाज से संबंधित कुछ तकनीकी पहलुओं को स्पष्ट करने के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी को बुलाया था.
VVPAT होता क्या है
भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड (BEL) और इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL) ने 2013 में VVPAT यानी वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल मशीनें डिजाइन की थीं. ये दोनों वही सरकारी कंपनियां हैं, जो EVM यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें भी बनाती हैं.
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