बेवफा बीवियों का अड्डा बना भारत का ये शहर, इस ऐप का हो रहा धड़ल्ले से इस्तेमाल

    2009 में लॉन्च हुए इस ऐप की लोकप्रियता दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इस ऐप की खास बात ये है कि यह ऐप महिलाओं के लिए फ्री है लेकिन पुरुषों को यहां पर पैसे देने पड़ते हैं। भारत में इस ऐप की शुरुआत 2017 में हुई थी। तब से लेकर अब तक भारत में इस ऐप के यूजर्स की संख्या 20 लाख से ज्यादा हो गई है।

    भारत में विवाह एक पवित्र प्रथा है। यहां शादी के बाद महिला और पुरुष एक पवित्र बंधन में बंधते हैं। जिसमें एक-दूसरे के लिए जीने-मरने की कसमें शामिल हैं। लेकिन इन दिनों की कुछ घटनाएं हैरान कर देने वाली हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कई ऐसे शहर हैं जहां किसी दूसरे पुरुष या महिला के साथ संबंध बनाने का चलन बढ़ने लगा है। शादी के बाद पुरुष और महिला के बीच अवैध संबंध की बातें अब आम हो गई हैं। रिपोर्टों से पता चलता है कि शादी के बाद की ईमानदारी बीते दिनों की बात होती जा रही है।

    ग्लीडॉन ऐप का हो रहा धड़ल्ले से इस्तेमाल

    दरअसल एक सर्वे में भारतीय महिलाओं के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर्स को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के मामलों में बढ़ोतरी की सबसे बड़ी वजह ऑनलाइन डेटिंग ऐप है। यहां हैरानी की बात ये है कि एक ऐसा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जो सिर्फ शादीशुदा लोगों के लिए बना है। इस ऐप के जरिए शादीशुदा पुरुष या महिलाएं अपने लिए दूसरा साथी ढूंढ सकते हैं। यहां हम फ्रांस में बने ग्लीडॉन ऐप की बात कर रहे हैं। गौर करने वाली बात यह है कि भारत में भी इसका धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है।

    भारत में 20 लाख से ज्यादा यूजर्स

    इस ऐप का आविष्कार करने वाली भी एक महिला ही है। 2009 में लॉन्च हुए इस ऐप की लोकप्रियता दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इस ऐप की खास बात ये है कि यह ऐप महिलाओं के लिए फ्री है लेकिन पुरुषों को यहां पर पैसे देने पड़ते हैं। भारत में इस ऐप की शुरुआत 2017 में हुई थी। तब से लेकर अब तक भारत में इस ऐप के यूजर्स की संख्या 20 लाख से ज्यादा हो गई है।

    यूजर्स के मामले में सबसे ऊपर है बेंगलुरु

    भारत में ग्लीडॉन ऐप के 34% यूजर्स टियर-2 और 3 शहरों से हैं। इस ऐप का बेंगलुरू, मुंबई, कोलकाता, दिल्ली, जयपुर, भोपाल, इंदौर, पुणे, हैदराबाद, चेन्नई, गुरुग्राम, अहमदाबाद, चंडीगढ़, लखनऊ, कोच्चि, नोएडा, गुवाहाटी, विशाखापत्तनम, नागपुर, सूरत और भुवनेश्वर में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है। जबकि, टियर-1 शहरों (मुंबई, बेंगलुरु, दिल्ली और कोलकाता) में इसके 66 फीसदी यूजर्स हैं। इसमें सबसे ऊपर का शहर बेंगलुरु है। मुंबई दूसरे और कोलकाता का तीसरा स्थान है।