सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र की उस क्यूरेटिव पिटीशन को खारिज कर दिया है, जिसमें केंद्र सरकार ने 1984 में गैस कांड के पीड़ितों को मुआवजे की रकम बढ़ाने की बात कही गई है. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि 1989 में मुआवजे को लेकर कंपनी और सरकार के बीच समझौता हुआ था, अब दोबारा मुआवजा नहीं बढ़ाया जा सकता है.
बता दें कि जस्टिस संजय किशन कौल की नेतृत्व वाली पांच जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही थी, गौरतलब है कि इस मामले पर साल 2010 में पीटीशन दाखिल हुई थी. जिसके बाद इस साल जनवरी में कोर्ट ने सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. बताते चलें कि बेंच ने कहा कि दो दशक के बाद केंद्र सरकार ने मुआवजे बढ़ाने को लेकर कोई तर्क पेश नहीं कर पाई है. जिससे हम भारत सरकार से असंतुष्ट हैं.
Supreme Court rejects Centre's curative plea for enhanced compensation for the victims of the 1984 Bhopal Gas tragedy from US-based firm Union Carbide Corporation, now owned by Dow Chemicals. pic.twitter.com/bYaCN0VIBg
— ANI (@ANI) March 14, 2023
1984 में हुए भोपाल गैस कांड के पीड़ितों ने यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन (यूसीसी) की उत्तराधिकारी फर्मों के खिलाफ 7400 करोड़ रुपये से अधिक के मुआवजे को लेकर केंद्र सरकार ने क्यूरेटिव पीटीशन दाखिल की थी. जिस पर यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन ने सुप्रीम कोर्ट से था कि वह साल 1989 में करार के तहत एक भी पैसा ज्यादा नहीं देगा. मालूम है कि गैस कांड में 3 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे और लगभग 1 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए थे.