कौन हैं अमृतपाल, जिसने पंजाब पुलिस की नाक में कर रखा है दम, जानिए उसकी पूरी कुंडली

    अमृतपाल सिंह अमृतसर जिले के जल्लूपुर खेड़ा गांव का रहने वाला है। भारत24 से बातचीत में उसने बताया कि वह साल 2012 में अपने पिता का बिजनेस संभालने के लिए दुबई गया था। जहां उसने ट्रांसपोर्ट बिजनेस में काम करना शुरू किया। अमृतपाल का कहना है कि दुबई में रहने के दौरान वह दीप सिद्धू के लगातार संपर्क में था।

    23 फरवरी 2023 को बड़ी संख्या में लोग पंजाब के अजनाला थाने में घुस गए और पुलिस प्रशासन पर हमला बोल दिया. बदमाशों ने थाने में आगजनी की। पता चला कि ये लोग अपने एक साथी लवप्रीत तूफान की गिरफ्तारी के खिलाफ हंगामा कर रहे हैं. भीड़ के बारे में बताया गया कि ये सभी 'वारिस पंजाब डे' के संगठन से जुड़े हुए हैं, और साथ ही ये जानकारी मिली कि अमृतपाल के नेतृत्व में बड़ी संख्या में लोगों ने तलवारों और बंदूकों से थाने पर हमला किया है। यही से अमृतपाल सिंह का नाम पहली बार सुर्खियों में आया। अब सवाल उठता है कि अमृतपाल कौन हैं। जिसने एक बार फिर से पूरे पंजाब में कोहराम मचा रखा है. 

    अमृतपाल सिंह अमृतसर जिले के जल्लूपुर खेड़ा गांव का रहने वाला है। भारत24 से बातचीत में उसने बताया कि वह साल 2012 में अपने पिता का बिजनेस संभालने के लिए दुबई गया था। जहां उसने ट्रांसपोर्ट बिजनेस में काम करना शुरू किया। अमृतपाल का कहना है कि दुबई में रहने के दौरान वह दीप सिद्धू के लगातार संपर्क में था।

    फरवरी 2022 में दीप सिद्धू का हुआ था निधन

    15 फरवरी 2022 को दीप सिद्धू एक सड़क हादसे का शिकार हो गया। जिसमें उनकी जान चली गई। दीप सिद्धू ही वह शख्स था, जिसे किसान आंदोलन के दौरान लाल किले पर हुई हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। 26 जनवरी 2021 को किसान आंदोलन के दौरान लाल किले पर हुए उपद्रव के मामले में दीप सिद्धू मुख्य आरोपी था.

    दीप सिद्धू ने बनाई थी 'वारिस पंजाब दे'

    दीप सिद्धू ने सितंबर 2021 में 'वारिस पंजाब दे' संस्था बनाई थी। इस संस्था का मकसद युवाओं को सिख धर्म की राह पर लाना और पंजाब को जगाना। इस संस्था के एक उद्देश्य को लेकर विवाद भी है, और वह  विवाद है-पंजाब की 'आजादी' की लड़ाई। दीप सिद्धू की मौत के बाद संगठन के प्रमुख का पद खाली हो गया था। यही से अमृतपाल की एंट्री शुरू होती है।

    Bharat24 से हुई बातचीत के मुताबिक अमृतपाल दीप सिद्धू को काफी समय से जानता था, दीप सिद्धू भारत में होने वाली हर घटना की जानकारी दुबई में बैठे अमृतपाल से शेयर करता था. यहां तक कि 'वारिस पंजाब दे' के संचालन के संबंध में भी वो अमृतपाल से सलाह-मशविरा किया करता था. लिहाजा अमृतपाल संगठन को बहुत करीब से जानने और समझने लगा। जब दीप सिद्धू की मौत हुई तो अमृतपाल को दुबई से भारत बुलाया गया। सोशल मीडिया एक्टिविटी से पता चलता है कि अमृतपाल पिछले 5 सालों से सिखों से संबंधित मुद्दों पर मुखर होकर बोल रहा है.

    29 सितंबर 2022 को 'वारिस पंजाब दे' संगठन की पहली वर्षगांठ पर मोगा जिले के रोड़े गांव में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में अमृतपाल को संगठन का मुखिया चुना गया। कहा जाता है कि कार्यक्रम स्थल का चयन काफी रणनीतिक था, क्योंकि रोड़े गांव जरनैल सिंह भिंडरावाले का पैतृक गाँव है। भिंडरावाले की तरह ही अमृतपाल भी नीले रंग की गोल पगड़ी पहनता है, साथ ही अपने सफेद कपड़ों में छोटी कृपाण रखता है और भड़काऊ भाषण भी देता है, जिससे वह कट्टरपंथी सिख युवाओं में लोकप्रिय हो रहा है।