Modi Surname Case: कौन हैं पूर्णेश मोदी ? जिन्होंने मानहानि के मामले में राहुल गांधी को करवाई दो साल की सजा

    पूर्णेश मोदी के पिता का नाम ईश्वरलाल मोदी था. पूर्णेश मोदी ने बीकॉम के बाद एलएलबी की डिग्री ली है. ऐसे में उन्हें कानून की अच्छी समझ है.

    Purnesh Modi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मानहानि के मामले में सजा करवाने वाले पूर्णेश मोदी सूरत के पश्चिम क्षेत्र से बीजेपी के विधायक हैं. पूर्णेश मोदी 2012 में सूरत की पश्चिम सीट पर उपचुनाव होने पर पहली बार विधायक बने थे. इसके बाद वह 2017 में भी जीते थे. जब बीजेपी ने 'नो रिपीट थ्योरी' लागू करके सितंबर, 2021 में नेतृत्व परिवर्तन किया था तब भूपेन्द्र पटेल के पहले कार्यकाल में पूर्णेश मोदी को लोक निर्माण मंत्री बनाया गया था. 2022 के चुनावों में पूर्णेश मोदी एक बार फिर से सूरत वेस्ट से जीते थे, लेकिन इस बार उन्हें मंत्री बनने का मौका नहीं मिला.

    पेशे से वकील हैं पूर्णेश मोदी

    22 अक्टूबर, 1965 को जन्मे पूर्णेश मोदी के पिता का नाम ईश्वरलाल मोदी था. पूर्णेश मोदी ने बीकॉम के बाद एलएलबी की डिग्री ली है. ऐसे में उन्हें कानून की अच्छी समझ है. जब राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मोदी सरनेम पर टिप्पणी की थी तो उन्होंने मानहानि का मुकदमा दर्ज किया था. जिसमें चार साल की कानूनी लड़ाई के बाद राहुल गांधी दोषी करार दिए गए और उन्हें दो साल की सजा हुई है. राजनीति में आने से पहले तक पूर्णेश मोदी पेशेवर तरीके से वकालत करते थे. 

    प्रधानमंत्री के साथ पूर्णेश मोदी का परिवार

    सूरत के अडाजन इलाके में रहने वाले पूर्णेश मोदी की पत्नी का नाम बीनाबेन मोदी है. उनके एक पुत्र और दो बेटियां है. पूर्णेश मोदी विधायक बनने से पहले अपने मोढ़ (मोदी) समाज के कई संगठनों के पदाधिकारी और ट्रस्टी रह चुके हैं. लंबे समय से राजनीति में सक्रिय पूर्णेश मोदी के खिलाफ अभी तक कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है. 

    सूरत में एक जाना-माना चेहरा

    सूरत में बीजेपी के पास कई बड़े नेता हैं, लेकिन पूर्णेश मोदी उन कुछ विधायकों और नेताओं में शामिल हैं जो मूलरूप से सूरत के रहने वाले हैं. कहते हैं पूर्णेश मोदी जब सूरत शहर बीजेपी के अध्यक्ष थे तो उन्होंने सूरत शहर की आइकोनिक पहचान गोपी तलाब के जीर्णोद्वार में बड़ी भूमिका निभाई थी. आज यह तालाब सूरत की बड़ी पहचान है।. पूर्णेश मोदी भले ही बीजेपी की टिकट पर तीसरी बार विधायक बने हैं और कुछ समय के गुजरात के कैबिनेट मंत्री रहे चुके हैं, लेकिन उनकी ज्यादा बड़ी पहचान एक अच्छे संगठनकार की है. 

    सामान्य कार्यकर्ता से की थी शुरुआत

    पूर्णेश मोदी ने बीजेपी में राजनीति की शुरुआत एक सामान्य कार्यकर्ता के तौर पर की थी. सबसे पहले वह बूथ प्रमुख बने थे. इसके बाद उन्हें वार्ड प्रमुख की जिम्मेदारी मिली फिर वार्ड प्रमुख के तौर पर अच्छा काम करने के बाद पार्टी ने उन्हें पार्षद का टिकट दिया. पूर्णेश पार्षद बने और सूरत महानगर पालिका में शासक पक्ष के नेता भी बने. बीजेपी में लंबे समय से सक्रिय रहे पूर्णेश को बीजेपी सूरत शहर अध्यक्ष के तौर पर दो कार्यकाल में पार्टी को लीड किया.