World Poetry Day 2023 : जानिए विश्व कविता दिवस का इतिहास, इस साल की है ये थीम

    विश्व कविता दिवस मनाए जाने की शुरुआत पेरिस से की गई. सबसे पहली बार 1999 में संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों ने जीवन में कविता की भूमिका को सम्मानित करने पर विचार किया था.

    World Poetry Day 2023 :  21 मार्च को दुनियाभर में World Poetry Day मनाया जाता है. यह दिन कविताओं को समर्पित है. कविताएं तो जीवन के किसी भी पहलू में आपको दिख जाएंगी. सजीव तो सजीव, लोग तो निर्जीव चीजों से भी कविताएं निकाल लेते हैं. आपको सड़क पर चलते हुए, मेट्रो में फोन स्क्रॉल करते हुए, पड़ोस की औरतों की बातों में, समाज के छोटे-बड़े मुद्दों में या राजनीति की लड़ाई में, कहीं भी कविता मिल जाएगी.

    विश्व कविता दिवस का इतिहास 

    विश्व कविता दिवस मनाए जाने की शुरुआत पेरिस से की गई. सबसे पहली बार 1999 में संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों ने जीवन में कविता की भूमिका को सम्मानित करने पर विचार किया था. पहली बार इसे अक्टूबर के महीने में मनाया गया है. लेकिन 21 मार्च को आधिकारिक तौर पर विश्व कविता दिवस मनाने की घोषणा की गई. इस दिन दुनियाभर के लोग कविता पढ़ने, लिखने और सुनाने जैसे विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से कविता दिवस का जश्न मनाते हैं.

    जानें इस साल की थीम

    विश्व कवि दिवस 2023 की थीम है  “ऑलवेज़ बी अ पोएट, इवेन इन प्रोस।” चार्ल्स बाउडेलेयर का यह प्रसिद्ध कोट केवल कविता ही नहीं, बल्कि सभी प्रकार के लेखन में रचनात्मकता और सुंदरता के महत्व पर जोर देता है.  यह बेहतर अर्थ और प्रभाव के लिए एक आह्वान है जो कविता के माध्यम से जीवन में आ सकती है.

    कविता- घास (पाश) 

    मैं घास हूँ
    मैं आपके हर किए-धरे पर उग आऊंगा
    बम फेंक दो चाहे विश्‍वविद्यालय पर
    बना दो होस्‍टल को मलबे का ढेर
    सुहागा फिरा दो भले ही हमारी झोपड़ियों पर
    मुझे क्‍या करोगे
    मैं तो घास हूँ हर चीज़ पर उग आऊंगा
    बंगे को ढेर कर दो
    संगरूर मिटा डालो
    धूल में मिला दो लुधियाना ज़िला
    मेरी हरियाली अपना काम करेगी...
    दो साल... दस साल बाद
    सवारियाँ फिर किसी कंडक्‍टर से पूछेंगी
    यह कौन-सी जगह है
    मुझे बरनाला उतार देना
    जहाँ हरे घास का जंगल है
    मैं घास हूँ, मैं अपना काम करूंगा
    मैं आपके हर किए-धरे पर उग आऊंगा.

    कविता- मैंने उसको- (केदारनाथ अग्रवाल) 

    मैंने उसको 
    जब-जब देखा 
    लोहा देखा 
    लोहे जैसा- 
    तपते देखा- 
    गलते देखा- 
    ढलते देखा 
    मैंने उसको 
    गोली जैसा 
    चलते देखा.