World Tuberculosis Day 2023: टीबी के प्रति जागरुकता फैलने के लिए हर साल 24 मार्च को वर्ल्ड ट्यूबरक्लोसिस डे (World TB Day) मनाया जाता है. टीबी एक संक्रामक रोग है, जो बहुत पुरानी बीमारी है. यह पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा खतरा बना हुआ है. पूरी दुनिया में हर साल टीबी के करीब 10 मिलियन मामले सामने आते हैं. भारत में टीबी के सबसे ज्यादा मामले 2.69 मिलियन के करीब हैं.
अगर किसी व्यक्ति को टीबी हो जाती है तो उसका इलाज 6 महीने तक चलता है. जो लोग 6 महीने तक लगातार दवाएं खाते हैं. वह पूरी तरह ठीक हो जाते है. आज के समय में अब टीबी का 00 प्रतिशत इलाज है.लेकिन, बावजूद इसके यह बीमारी आज भी दुनिया के लिए चिंता का सबब बनी हुई है. डॉक्टरों का कहना है कि यह बीमारी उन लोगों के लिए अधिक खतरनाक होती है, जो पहले से किसी दूसरी बीमारी से जूझ रहे होते हैं.
टीबी दो प्रकार की होती है, पल्मोनरी और एक्स्ट्रापल्मोनरी. पल्मोनरी टीबी के लक्षणों (TB Symtoms) में खांसी, बुखार, सीने में दर्द, सांस की तकलीफ, खूनी बलगम, वजन में कमी और भूख शामिल हैं. इसकी पहचान थूक की जांच करके की जाती है.
अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार 24 मार्च 1882 को डॉक्टर रॉबर्ट कोच ने टीबी रोग के लिए जिम्मेदार माइक्रोबैक्टीरियल ट्यूबकुलोसिस (Mycobacterium Tuberculosis) बैक्टीरिया की खोज की थी. ये खोज आगे चलकर टीबी के इलाज में बहुत मददगार साबित हुई. इसलिए 24 मार्च को वर्ल्ड ट्यूबरक्लोसिस डे मनाया (World Tuberculosis Day History) जाता है.