World Water Day 2023 : 2050 तक पानी की किल्लत का करना होगा सामना!, जानें क्या है इतिहास

    पूरी दुनिया में जल संकट तेजी से गहराता जा रहा है. यदि समय रहते इसके महत्व को नहीं समझा गया तो भविष्य में जल को लेकर बहुत गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती है. तो आइए जानते है विश्व जल दिवस का महत्व, थीम और अन्य जरूरी बातें.

    World Water Day : हर साल 22 मार्च को विश्‍व जल दिवस (World Water Day 2023) मनाया जाता है. पानी की बर्बादी को रोकने और लोगों को इसका महत्‍व समझाने के उद्देश्‍य से ये दिन मनाया जाता है.  बता दें कि धरती का करीब तीन चौथाई हिस्सा पानी से भरा हुआ है. लेकिन इसमें से सिर्फ तीन फीसदी हिस्सा ही पीने योग्य है और इस तीन प्रतिशत में से भी दो प्रतिशत बर्फ और ग्लेशियर के रूप में है. इन स्थितियों के बाद भी लोग पानी के महत्‍व को नहीं समझ पा रहे हैं. 

    इतिहास और इस साल की थीन

    साल 1992 में ब्राजील के रियो द जेनेरियो में 'पर्यावरण तथा विकास का संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन' आयोजित किया गया था. इसी दिन इस बात की घोषणा की गई कि हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाएगा. इसके बाद साल 1993 में 22 मार्च को पहला वाटर डे मनाया गया. तब से हर साल ये दिन सेलिब्रेट किया जाता है. हर साल इस दिन की एक थीम निर्धारित की जाती है. साल 2023 में विश्‍व जल दिवस की थीम  (Accelerating Change) यानी 'परिवर्तन में तेजी' निर्धारित की गई है.

    2050 में 240 करोड़ को नहीं मिलेगी पानी

    संयुक्त राष्ट्र की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के 26 प्रतिशत लोगों को साफ पानी नहीं मिलता है, जबकि 46 प्रतिशत लोगों को सैनिटेशन के लिए पानी नहीं मिल पाता. वहीं 200 करोड़ लोग साल में एक महीने पानी की किल्लत का सामना करते है. रिपोर्ट के मुताबिक अभी जितने लोग पानी की कमी से जूझ रहें हैं, जल्द ही वो आंकड़ा बढ़ने वाला है. यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 40 सालों से हर साल पानी का उपयोग बढ़ता जा रहा है. 2016 में 93 करोड़ लोगों ने पानी की कमी का सामना किया, लेकिन 2050 में 240 करोड़ लोग ऐसे होंगे, जिन्हें पीने के पानी के लिए संघर्ष करना पड़ेगा.