Patna: होटल के जिस कमरे में ठहरे थे बाबा बागेश्वर, वो बना तीर्थस्थल, दर्शन के लिए उमड़ी लोगों की भारी भीड़

    राजधानी पटना में 5 दिनों तक हनुमंत कथा और 'दिव्य दरबार' का आयोजन किया गया. अब कार्यक्रम समाप्त हो गया है. पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पटना छोड़ चुके हैं. लेकिन जिस होटल में वे ठहरे थे, वह आज लोगों की आस्था का केंद्र बन गया है.

    बागेश्वर धाम के महापीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री को पटना से निकले तीन दिन हो गए, लेकिन बिहार की जनता पटना पहुंचने से रुक नहीं रही है. बाबा बागेश्वर जब पटना में थे तो बिहार के कोने-कोने से लोगों की भीड़ उनसे मिलने पहुंचीं, लेकिन अब बाबा पटना में नहीं हैं, ऐसे में लोग वहां पहुंच रहे हैं जहां बाबा धीरेंद्र शास्त्री ठहरे थे.

    लोगों की आस्था का केंद्र बना पनाश होटल 

    राजधानी पटना में 5 दिनों तक हनुमंत कथा और 'दिव्य दरबार' का आयोजन किया गया. अब कार्यक्रम समाप्त हो गया है. पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पटना छोड़ चुके हैं. लेकिन जिस होटल में वे ठहरे थे, वह आज लोगों की आस्था का केंद्र बन गया है. जिस होटल के कमरे में बाबा ठहरे हुए थे उसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. बहुत से लोग उस होटल के कमरे में रहना चाहते हैं. वे जानना चाहते हैं कि बाबा पटना में कैसे रहते थे, क्या खाते-पीते थे. उसके साथ कौन-कौन आया था?

    बाबा के होटल में था फाइव स्टार इंतजाम 

    पटना के पनाश होटल में बाबा बागेश्वर के ठहरने के लिए फाइव स्टार इंतजाम किए गए थे. उनके लिए एक फ्लोर पर 17 कमरे बुक किए गए थे. लेकिन एक वक्त में ये कमरे भी कम पड़ने लगे थे. बाबा के साथ उनके भंडारी, सुरक्षाकर्मी और बड़ी संख्या में श्रद्धालु थे. पंडित धीरेंद्र शास्त्री अक्सर अपनी कथा में सात्विक भोजन का जिक्र करते थे और लोगों को भी इसे अपनाने को कहते थे. यही कारण था कि उनके लिए सात्विक भोजन होटल के किचन में अलग से व्यवस्था की गई थी. यह किचन उसी मंजिल पर बना था, जहां बाबा धीरेंद्र शास्त्री ठहरे थे.

    बाबा के कमरे में ठहरना चाहते हैं लोग

    बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के प्रति श्रद्धालुओं की ऐसी आस्था है कि वे बाबा के बारे में जानने के लिए पनाश होटल पहुंच रहे हैं. उनके लिए यह होटल एक धार्मिक स्थल की तरह बन गया है. देश भर से श्रद्धालु अब इस होटल के बारे में जानकारी चाह रहे हैं. लोगों का कहना है कि अगर उन्हें मौका मिले तो वह उस कमरे में जरूर रहना चाहेंगे, जिसमें बाबा बागेश्वर ने पटना प्रवास के दौरान समय बिताया था.