सहा बहुत कष्ट...नहीं हारी हिम्मत, हाथ-पैर ना होने पर भी UPSC में लहराया परचम, पढ़ें सूरज के संघर्ष की कहानी
यूपी मैनपुरी के निवासी राजेश तिवारी के पुत्र सूरज तिवारी (Suraj Tiwari) ने अपने गांव का नाम रोशन कर दिया है. एक हाथ और दोनों पैर ना होने के बावजूद भी सूरज की यूपीएससी परीक्षा में 971वीं रैंक हासिल किया.

मैनपुरी: कहते हैं ना कि मुश्किलें कितनी भी क्यों ना हों, रहों में चाहें कितने भी कांटे हों, लेकिन अगर एक बार कोई इंसान किसी चीज को करने की ठान ले तो, उसे कोई नहीं रोक सकता. यूपी के मैनपुरी के रहने वाले सूरज तिवारी ने कुछ ऐसा कर दिखाया है. सूरज तिवारी (Suraj Tiwari) का यूपीएससी परीक्षा में 971वीं रैंक (UPSC Result 2022) आया है. हैरानी की बात ये है कि, सूरज एक दिव्यांग है. एक हादसे में सूतर तिवारी ने अपने पैर व हाथ खो दिए थे. 

नहीं हैं सूरज के दोनों पैर और एक हाथ

यूपी, मैनपुरी जनपद के कुरावली तहसील निवासी राजेश तिवारी के पुत्र सूरज तिवारी ने अपने गांव का नाम रोशन किया है. एक हाथ और दोनों पैर न होने के बावजूद भी सूरज की यूपीएससी परीक्षा में 971वीं रैंक हासिल किया है. उन्हें पूरे देश से लोग बधाई दे रहे हैं. यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर कहा कि 'सूरज की इस 'सूरज' जैसी उपलब्धि के लिए बधाई.'

कैसे हुआ था सूरज का एक्सीडेंट?

बता दें कि सूरज बचपन से ऐसे नहीं थे. साल 2017 में उनका एक खतरनाक एक्सीडेंट हो गया था. उनके पिता से मिली जानकारी के मुताबिक सूरज दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में काम कर रहे थे. जब वह दिल्ली से दादरी ट्रेन से निकले तो, उन्हें किसी ने धक्का देकर नीचे गिरा दिया था. जिसके बाद उनके दोनों पैर और एक हाथ कट गए. 4 महीने तक दिल्ली के एम्स में उनका इलाज किया गया.

सूरज के संघर्ष की कहानी

सूरज के पिता ने बताया कि साल 2017 में ही उनके बड़े बेटे की मौत हो गई थी. ऐसे में उनके परिवार ने काफी दुख देखा. 4 महीने इलाज के बाद जब सूरज घर लौटे तो, उन्होंने पढ़ाई शुरू की. 6 साल तक कड़ा मेहनत कने के बाद सूरज ने ये मुकाम हासिल किया है. उनके पिता ने बताया कि सूरज ने काफी कष्ट दुख झेला है. लेकिन उसने कभी भी अपनी शारीरिक कमी को आगे नहीं आने दिया.

Advertisment
सम्बंधित ख़बरें
Copyright © 2022-23 . Bharat24 All rights reserved