कुश्ती पहलवान मंगलवार को हरिद्वार मेंहर की पैड़ी पहुंचकर अपने मेडल गंगा में बहाने का फैसला किया था, लेकिन अब वे सभी पहलवान बिना अपने मेडल गंगा में बहाए वापस जा रहे हैं. पहलवानों को मनाने पहुंचे किसान नेता नरेश टिकैत ने पहलवानों से मेडल वापस ले लिए हैं.
पहलवानों ने भी उनकी बात मानी और अपने मेडल उन्हें लौटा दिए. नरेश टिकैत ने 5 दिन का समय देने की बात कही है. इससे पहले राकेश टिकैत, सीएम केजरीवाल समेत कई लोगों ने पहलवानों से पदक नहीं बहाने की अपील की थी.
बता दें कि पिछले एक महीने से जंतर-मंतर पर भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना दे रहे कुश्ती पहलवानों ने बड़ा ऐलान किया था. पहलवानों ने अपने मेडल गंगा नदी में प्रवाहित करने का निर्णय लिया था. इसके लिए धरना दे रहे पहलवान हरिद्वार पहुंचे. बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक जैसे नामी पहलवान आज शाम हरिद्वार में गंगा नदी में अपने पदक प्रवाहित करने वाले थे. लेकिन उससे पहले किसान नेता नरेश टिकैत ने पहलवानों को मना लिया. नरेश टिकैत ने पहलवानों से 5 दिन का समय लेते हुए समस्या के समाधान का भरोसा दिया. पहलवानों ने अपना मेडल नरेश टिकैत को सौंप दिए हैं.
पहलवानों ने एक साझा नोट जारी करते हुए कहा था कि 'हम अपने पदक पवित्र गंगा नदी में कुर्बान करने जा रहे हैं. ये पदक हमारा जीवन हैं, हमारी आत्मा हैं. आज उन्हें गंगा में छोड़ने के बाद जीने का कोई कारण नहीं रहेगा. इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर रहेंगे. साक्षी ने लिखा- हमने ये मेडल कड़ी मेहनत और पवित्रता से हासिल किए थे. इन तमगों को पहनाकर चमकीले सफेद रंग का तंत्र अपना प्रचार करता है. फिर हमारा शोषण करता है. राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को नहीं लौटाएंगे, क्योंकि उन्होंने हमारी कोई सुध नहीं ली.